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February 8, 2025
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राष्ट्रपति ने पेश की विलुप्त हो रहे संस्कार की अद्भुत मिसाल

By Shakti Prakash Shrivastva on June 27, 2021
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कानपुर, (संवाददाता)। अपने तीन दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को इंसानियत और भावनात्मक रिश्तों की ऐसी मिसाल पेश की जो अमूमन हमारे समाज से विलुप्त होने की कगार पर है। शहर मे उनकी यात्रा के दौरान ट्रेफिक जाम में फँसकर हुई एक महिला की मौत पर जिस तरह उन्होने अधिकारियों को उनके अंतिम संस्कार में भेज कर संवेदना का एहसास कराया वहीं अपने बीमार दोस्त का हाल-चाल लेने प्रोटोकाल तोड़ उनके घर पहुँच भावनात्मक रिश्ते की महत्ता का एहसास कराया।

शनिवार को कानपुर में उनकी यात्रा के दौरान रुके ट्रेफिक में फँसने की वजह से महिला वंदना की मौत की खबर जब राष्ट्रपति को मिली तो काफी देर तक वो असहज रहे। बाद में  उन्होने न केवल जिले के शीर्ष अधिकारियों को तलब कर उन्हें महिला की अन्त्येष्टि में शरीक कराया बल्कि भविष्य में अपनी यात्रा के दौरान अनावश्यक ट्रेफिक न रोकने का आदेश भी दिया। इस आदेश का तत्काल असर भी देखने को मिला। शनिवार को सर्किट हाउस के सामने की मुख्य सड़क पर यातायात नही रोका गया बल्कि वहाँ लगा बैरीकेडिंग भी हटा लिया गया। दोस्त से मिलने जाने के पाँच मिनट पहले तक ट्रेफिक नहीं रोका गया। राष्ट्रपति ने स्पष्ट आदेश दिया कि मेरी वजह से किसी को तकलीफ नही होनी चाहिए। राष्ट्रपति के इस व्यवहार की हर तरफ सराहना हो रही है। कैंट इलाके मे स्थित अपने बीमार दोस्त कृष्ण कुमार अग्रवाल से मिलने पर राष्ट्रपति ने कहा कि जबसे बीमारी की खबर मिली तब से मन मिलने को बेचैन था। आज मिल कर और हालत देखकर संतोष मिला। उन्होने  दोस्त को असहज देख कहा कि मै तुम्हारे पास दोस्त की हैसियत से आया हूँ न कि राष्ट्रपति कि हैसियत से। यह सुन श्री अग्रवाल की आँखों में आँसू छलक आए। कृष्ण कुमार अग्रवाल उर्फ मुन्नाबाबू के घर पर अपने दो मित्रों को देख राष्ट्रपति मुस्करा उठे। वहां कोविंद के एक और अभिन्न मित्र मधुसूदन गोयल भी मौजूद थे। तीनों दोस्तों ने एक दूसरे का हालचाल लिया।

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