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पुलिस से बड़ा नेटवर्क है शाइस्ता का!

By Shakti Prakash Shrivastva on May 7, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

              क्या मान लिया जाए कि अपराधियों के नेटवर्क पुलिस के नेटवर्क से ज्यादा बड़े और प्रभावशाली हैं। कम से कम प्रयागराज में हुए पूर्व विधायक राजूपाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेशपाल की हत्या मामले में पुलिस के नेटवर्क की जो दयनीय तस्वीर मीडिया के जरिए दिख रही है उसको देखते हुए एकबारगी मान लेने का दिल करता है। क्योंकि 24 फरवरी को हुए हत्या के आज सत्तर से अधिक दिन बीत गए हैं लेकिन माफिया अतीक की बीबी और पचास हजार की इनामिया शाइस्ता परवीन और पाँच लाख के इनामिया बमबाज गुड्डू मुस्लिम और इनामिया साबिर जैसे चर्चित आरोपियों के नजदीक पहुँच-पहुँच कर भी पुलिस उन्हे पकड़ने में कामयाब नहीं हो पा रही है। आए दिन खबरें आती है कि पुलिस टीम के पहुँचने से पहले ही ये शातिर उस जगह से निकल कर जा चुके हैं। यहाँ यह प्रश्न उठाना लाजिमी है कि इतना बड़ा अत्याधुनिक सुविधाओ-संसाधनों से लैस पुलिस टीम आखिर इतनी लाचार और कमजोर क्यों साबित हो रही है। मीडिया में इन दिनों एक नई खबर सुर्खियों में है। वो ये कि उमेशपाल हत्याकांड के बाद से फरार चल रही 50 हजार की इनामिया शाइस्ता परवीन अपने पति अतीक अहमद व देवर अशरफ की हत्या के अगले दिन उनके जनाजे में चोरी छिपे शामिल होना चाहती थी। इसके लिए वो पाँच लाख के इनामिया साबिर के साथ प्रयागराज पहुँच भी गई थी। इस दौरान वो अतीक के नजदीकी जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर में रुकी थी। जबतक पुलिस को इसकी भनक लगती दोनों वहां से निकल गए थे। इस बात का खुलासा पुलिसिया पूछताछ के दौरान जफरउल्लाह के बेटे आतिन जफर ने किया है। आतिन अतीक के बेटे असद का दोस्त है और उसके साथ ही लखनऊ में रहता था। आतिन की मुताबिक दोनों ने अपना हुलिया और वेश बदलकर अतीक व अशरफ के जनाजे में शामिल होने के लिए कसारी -मसारी स्थित कब्रिस्तान भी जाने वाले थे। लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के चलते उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और सुबह ही कहीं निकल गए। ऐसे में पुलिस की अपेक्षा शाइस्ता और साबिर की दाद देनी होगी कि ऐसे शेर के जबड़े में हाथ डालने जैसी स्थिति में वो वापस प्रयागराज आने का साहस कर आ भी गए। और सुरक्षित निकल भी गए।

इतना ही नहीं अभी चार दिन पहले साबिर जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर आया था। शाइस्ता के किसी काम के लिए वो दो मई को आतिन के घर पहुंचा था। भनक लगते ही धूमनगंज पुलिस ने रात में नौ बजे के करीब जफरउल्लाह के घर पर छापा भी मारा। हालांकि अंधेरे व घनी आबादी का फायदा उठाकर साबिर वहां से भाग निकलने में कामयाब रहा और पुलिस एक बार फिर हाथ मलती रह गई। आतिन के इस खुलासे के बाद पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि जिस शाइस्ता व साबिर की तलाश में पूरे जिले की फोर्स लगी है उनके शहर में आकर रुकने के बावजूद पुलिस को इसकी भनक कैसे नहीं लगी। सवाल यह भी है कि साबिर के दोबारा आने की भनक लगी भी तो आखिर कैसे वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही हर बार की तरह पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया।

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