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March 29, 2024
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अभी ऐसे ही रहेगा मौसम का मिजाज

By Shakti Prakash Shrivastva on January 11, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

साल 2023 की शुरुआत से मौसम ने जो अपना मिजाज बदला है वो दो हफ्ता बीतने के बाद आज भी बदस्तूर जारी है। सर्द मौसम और ठंडी हवाओं ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। उत्तर प्रदेश के पूर्वाञ्चल में हिमालय की तराई का क्षेत्र होने के नाते हालत और बुरा है। इसलिए यहाँ की ठंड अन्य इलाके की ठंड से ज्यादा खतरनाक मानी जाती है। यहाँ तापमान भले औरों की तुलना में अधिक रहे लेकिन असर कम तापमान वाले इलाके से भी अधिक होता है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर पूर्वाञ्चल के इलाकों तक में न्यूनतम तापमान जहां 5 से लेकर 10 डिग्री सेल्सियस तक रह रहा है वहीं अधिकतम तापमान 12 से लेकर 20 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों की माने तो आने वाले 1-2 दिनों तक मौसम का मिजाज यूं ही बना रह सकता है।

पूरब से लेकर पश्चिम तक प्रदेश का इलाका शीतलहर की चपेट में है। कुछ-कुछ हिस्सों को छोड़ अधिकांश हिस्सों में कोहरे की चादर फैली हुई है। सड़कों पर कोहरे की वजह से कम दृश्यता हादसों की वजह बन रहा है। रोज प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में सड़क हादसे और उसमें जनहानि की खबरे आ रही है। गोरखपुर और आसपास के इलाके भी शीतलहर की चपेट में है। मंगलवार को यहाँ न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सोमवार को आलम ये था कि वातावरण में ऊपरी वायुमंडलीय हिस्से में थोड़ा कोहरा छंटने की वजह से लोगों को दोपहर में धूप का आनंद मिला लेकिन पहाड़ों से आ रही सर्द हवाओं की वजह से धूप की तपिश गायब रही। सुबह से लेकर रात तक लोग कांपते रहे। अधिकतम तापमान रविवार की तुलना में दो डिग्री ऊपर चढ़कर 12.8 डिग्री दर्ज किया गया लेकिन यह सामान्य से आठ डिग्री कम रहा। मंगलवार की सुबह इलाकाई आकाश घने कोहरे से ढका रहा। दोपहर में हल्की रोशनी ने धूप का एहसास कराया लेकिन उससे लोगों को अधिक राहत नहीं मिली। शाम होते-होते फिर कंपकंपी छूटने लगी। अधिकतर लोग अपने घरों में दुबके रहे।  शहर में लोग जगह-जगह अलाव तापते हुए नजर आए। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमोत्तर की पहाड़ियों पर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। ऐसे में वहां और उत्तराखंड के पहाड़ों पर एक-दो दिन में बारिश की संभावना बन रही है। इससे पछुआ हवाओं की रफ्तार बढ़ेगी। इसके बाद संभव है कि गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों में निचले वायुमंडल में जमा कोहरा छंटे और धूप का दर्शन हो। धूप से अधिकतम तापमान में वृद्धि तो होगी लेकिन न्यूनतम तापमान के गिरने का क्रम जारी रहने का अनुमान है।

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