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किसने तोड़ा महागठबंधन का सपना

By Shakti Prakash Shrivastva on December 30, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी इन दिनों अपनी भारत जोड़ों यात्रा के जरिए देश की सियासत में एक नयी इबारत लिखना चाहते हैं। वो यह भी चाहते हैं कि यह यात्रा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जहाँ एक नयी ऊर्जा का संचार करे वहीं सियासत में कुछ ऐसे समीकरण बनाने का रास्ता बनाए जिससे देश में बीजेपी मुक्त भारत का सपना साकार किया जा सके। उन्हे यह भली-भांति मालूम है कि मौजूदा हालात में कांग्रेस की जो स्थिति है उसके बलबूते वो यह सपना साकार नही कर सकते है। इसके लिए ही उन्होंने भारत के दक्षिणी हिस्से कन्याकुमारी से लेकर देश के उत्तरी भूभाग जम्मू कश्मीर तक को जोड़ने वाली इस यात्रा का नाम भारत जोड़ों यात्रा रखा न कि कुछ और। पार्टी विशेष का एक अभियान बनाने की बजाय राहुल गांधी इस अभियान को देश के स्वाभिमान और अखंडता का प्रतीक रूप में बनाना चाहते हैं। इसके लिए यात्रा मार्ग में भाजपा को छोड़ अन्य इलाकाई सियासतदार क्षत्रपों को अपने साथ लाने का प्रयास करना वो नही छोड़ते। वो ऐसे सभी नेताओं को यात्रा में शामिल होने का बाकायदा न्योता भी भेज रहे है। कुछ बड़े नेताओं को तो व्यक्तिगत तौर पर अनुरोध भी कर रहे हैं। इन दिनों यह यात्रा दिल्ली में नौ दिनों के विश्राम पर है। फिर से यह यात्रा नए साल में 3 जनवरी को सुबह दिल्ली के कश्मीरी गेट से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी में प्रवेश करेगी। प्रदेश के पश्चिमी इलाके खासकर किसान आंदोलन प्रभावित हिस्से गाजियाबाद, बागपत, शामली, कैराना होते हुए छः जनवरी को हरियाणा के पानीपत पहुंचेगी। इस यात्रा में शामिल होने के लिए राहुल गांधी की तरफ से सूबे के सपा, बसपा, सुभासपा और रालोद सरीखे विपक्षी नेताओं को निमंत्रित किया गया है। इस आशय की जानकारी हापुड़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दी है। राजनीति के जानकारों की मुताबिक इसके पीछे हिडेन एजेंडा ये है कि प्रदेश में बिहार की तरह महागठबंधन की जमीन तैयार की जाए। कांग्रेस पार्टी को भरोसा था कि बीजेपी की तानाशाही रवैये से आजिज सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी यात्रा में शिरकत कर देश की सियासत की नई इबारत तैयार करेंगे। लेकिन इस मंसूबे पर निकाय चुनाव के मद्देनजर कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले से परेशान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यह कहकर पानी फेर दिया कि मेरे लिए बीजेपी और कांग्रेस एक जैसे ही है। गुरुवार को बकायदे प्रेसकान्फ्रेंस में दिए गए अखिलेश के इस बयान ने अन्य विपक्षी नेताओं के उत्साह को भी ठंडा करने का काम किया। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि प्रदेश में तीन दिनों तक रहने वाली इस यात्रा में कौन-कौन से दिग्गज विपक्षी नेता शिरकत करते हैं। क्योंकि इसी आधार पर विपक्षी एका की अगली रणनीति की नई पृष्ठभूमि सोची जा सकेगी।

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