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2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को, 148 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग

By Shakti Prakash Shrivastva on June 9, 2021
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लखनऊ, (शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव/डेस्क)। देश में मात्र अरुणाञ्चल प्रदेश और लद्दाख क्षेत्र में दिखने वाला इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लग रहा है। संयोगवश इसी दिन शनि जयंती और ज्येष्ठ की अमावस्या भी पड रही है। ज्योतिषियों की मुताबिक शनि जयंती और सूर्य ग्रहण का यह दुर्लभ संयोग 148 साल बाद बन रहा है। देश में ये दोपहर 1.42 बजे शुरू होकर शाम 6.41 बजे खत्म हो जाएगा।

सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटना की स्थिति तब बनती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। ऐसे में कुछ समय के लिए चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य की रोशनी को रोक देता है। अंधेरा छा जाता है, इसी को सूर्य ग्रहण कहते है। जब चंद्रमा के पीछे से धीरे-धीरे सूर्य की रोशनी बाहर आती है तो एक समय इसकी चमक किसी हीरे की अंगूठी की तरह प्रतीत होती है, जिसको रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। सूर्य ग्रहण की घटना वर्ष में एक से अधिक बार भी होती है। देश में इसे शाम लगभग 5:52 बजे इसे अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से देखा जा सकेगा। वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में ये शाम लगभग 6 बजे दिखाई देगा। भारत के अलावा इस घटना को उत्तरी अमेरिका, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया, ग्रीनलैंड, रूस के बड़े हिस्‍से में भी देखा जा सकेगा। इसी दिन शनि जयंती,ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत होने की वजह से इसका अलग महत्व है। विशेषकर शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 26 मई 1873 को शनि जयंती के दिन ग्रहण पड़ा था। हालांकि धार्मिक दृष्टि से इस तरह की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। देश में इस ग्रहण का सूतक प्रभावकारी नहीं होगा। आचार्य प्रभाकर जी की मुताबिक ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण का सूतक तभी प्रभावकारी माना जाता है जब वो दृष्टगोचर हो यानि दिखे। यह ग्रहण देश के जिन हिस्सो में नहीं दिख रहा है वहाँ मान्य नहीं है।

 

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