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अवकाश के बाद भी कर रहा था नौकरी, आखिरकार पकड़ा गया.. जानिए है कौन ?

By Shakti Prakash Shrivastva on July 24, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव / गोरखपुर

 हुनर मंद तो नही लेकिन नकारात्मक हुनर मंद होना कभी-कभी बवाले जान भी साबित हो सकता है। हम यहाँ एक ऐसे ही हुनरमंद शख्स का परिचय आपसे कराने वाले हैं जो अपनी हुनर की वजह से अवकाश के तीन साल बाद भी बाकायदा सरकारी नौकरी कर रहा था। इस शख्स का नाम है शरीफ अहमद। ये नगर निगम, गोरखपुर में कनिष्ठ लिपिक पद पर कार्यरत हैं। जन्मतिथि में हेराफेरी करा नौकरी में अवकाश की उम्र में इजाफा कराने का हुनर इनमे कूट-कूट कर भरा है। यही वजह है कि नगर निगम के जन्म मृत्यु कार्यालय में तैनात शरीफ को नियमतः 2019 में ही सेवानिवृत्त हो जाना था। लेकिन हेराफेरी कर 1959 की वास्तविक जन्मतिथि को बदल कर 1964 करा लिया। जिससे अवकाश प्राप्ति का वर्ष 2019 से बदल कर 2024 हो गया। लेकिन कहते है कि शातिर कितना ही बड़ा शातिर क्यों न हो लेकिन एक दिन अपने ही जाल में फंस जाता है। ऐसा ही कुछ शरीफ के साथ भी हुआ। एक बार जन्मतिथि में कूटरचना से जन्म तिथि परिवर्तन कराने में सफल हो चुके शरीफ को लगा कि एक बार और यह प्रयोग किया जा सकता है यानि जन्मतिथि फिर बदलवाई जा सकती है। इस बार उसने पुनः जन्मतिथि में संशोधन कराने के लिए आवेदन किया। अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र के पास जब शरीफ की फ़ाइल पहुंची तो यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। हुआ ये कि अपर नगर आयुक्त श्री मिश्र को इसके आवेदन संबंधी फ़ाइल पर शक हुआ। लिहाजा उन्होंने मामले की तहकीकात करना शुरू किया। पता चला कि पूर्व में एक बार ये आवेदन कर अपना जन्मतिथि परिवर्तित करा चुका है। इस बार दुबारा प्रयास कर रहा है। उन्होंने एमएसआई इंटर कॉलेज से शरीफ के जन्मतिथि का सत्यापन कराया तो फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आ गया। पता चल गया कि वह गलत तरीके से नौकरी कर रहा है। भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टालरेन्स नीति की तरह ही नगर निगम, गोरखपुर में उक्त नीति का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराने वाले नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने इस प्रकरण को गंभीर मानते हुए जांच टीम गठित कर दी है। यह भी कहा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उससे अतिरिक्त वेतन की रिकवरी भी की जाएगी। निगम कर्मचारियों की मुताबिक अवकाश प्राप्त यह कनिष्ठ लिपिक एक बार पहले भी अपनी जन्मतिथि में बदलवा चुका है। दूसरी बार जन्मतिथि बदलवाने की कोशिश में था, लेकिन पकड़ा गया। नगर आयुक्त अविनाश सिंह द्वारा गठित जांच टीम में चार सदस्य हैं। इसमें अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त मृत्युंजय, उप नगर आयुक्त संजय शुक्ला और लेखाधिकारी रवि सिंह को शामिल किया गया है। कमेटी इस बात की भी जांच करेगी कि पहली बार जन्मतिथि में बदलाव किस आधार पर और किसके द्वारा किया गया। निगम प्रशासन की मुताबिक मामला बेहद गंभीर है। कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही धनराशि की वसूली भी की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

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