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उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट; लखनऊ के साथ अन्य महानगरों में लोग परेशान

By Nikhil Pal on April 21, 2021
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लखनऊ-देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है।कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन के बेतहाशा गति पकडऩे के बीच में लोगों की तेजी से सांसे उखड़ रही हैं। इस बीच में सूबे की राजधानी लखनऊ के साथ ही अन्य महानगरों में भी ऑक्सीजन का आपातकाल है। इतना ही नहीं प्रदेश में टैक्नीशियन्स के संक्रमित होने के कारण अब आरटीपीसीआर टेस्ट भी नहीं हो रहा है।योगी आदित्यनाथ सरकार के तमाम बड़े आश्वासन के बाद भी महानगर के साथ ही कस्बों में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। लखनऊ, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी, गोंडा तथा मेरठ में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। अलीगढ़ और कन्नौज में मरीज दम तोड़ रहे हैं।

ऑक्सीजन की कमी से इलाज पर असर

हजारों एंबुलेंस भी बिना ऑक्सीजन के दौड़ रही हैं। प्रदेश के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी कमी है। प्रयागराज के कई अस्पतालों में कल से ऑक्सीजन नही है। प्रयागराज के साथ कौशांबी व नैनी में डॉक्टर ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं। यहां पर प्राइवेट अस्पताल से मरीज जिला अस्पताल जा रहे हैं।सीतापुर के जिला अस्पताल के साथ ही निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। यहां पर ऑक्सीजन न मिलने से मरीजों की मौत हो रही है। जिले में ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी हो रही है। 300 रुपये का छोटा वाला सिलेंडर 600 रुपये में बेचा जा रहा है। यहां पर 600 रुपये का ऑक्सीजन सिलेंडर 1200 रुपये में बेचा जा रहा है। कानपुर में भी ऑक्सीजन की किल्लत बरकरार है। यहां पर अस्पताल वालों ने तीमारदारों को ही खाली सिलेंडर थमा दिया है। उनसे बोला गया है कि बोला गया है कि जाकर खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर भराओ। यहां पर अस्पताल वालों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। तीमारदार यहां पर ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। तीमारदार खाली सिलेंडर लेकर स्कूटी व बाइक से घूम रहे हैं।ताजनगरी आगरा में भी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर पूरी तरह खत्म हो गए हैं। यहां पर 450 एंबुलेंस में अब ऑक्सीजन नहीं है। मोदीनगर के आईनोक्स प्लांट ने आगरा की सप्लाई बंद कर दी है। जिससे कि मरीजों की जान पर खतरा बढ़ गया है। यहां पर सरकार के साथ ही निजी एंबुलेंस के पास भी ऑक्सीजन नहीं है। अब यहां पर गंभीर रूप से बीमार लोगों की दूसरे जिलों में भी शिफ्टिंग रुकी है।प्रदेश में अब आरटीपीसीआर जांच को लेकर भी मारामारी है। लखनऊ में भी हालत बेहद खराब है। यहां प्राइवेट लैब में जांच कराने को लेकर लूट मची है। आरटीपीसीआर जांच के नाम पर 1400 से लेकर 2800 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।

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