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मारपीट माने सरकार बनने के आसार!

By Shakti Prakash Shrivastva on November 14, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                                    मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की दुदुंभी बज चुकी है अब चंद दिनों में मतदान होना है। सभी सियासी दलों के चुनाव प्रचार भी अपने सबाब पर हैं। लेकिन जनता सहित मीडिया का सबसे अधिक फोकस दो ही दलों पर दिख रहा है। एक तो सत्तारूढ़ बीजेपी और दूसरा सरकार बनाने की मजबूत दावेदारी पेश कर रही कांग्रेस। इन दल के नेता जब चुनाव प्रचार कर रहे है तो उसमें कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते बन रहा है। इनमें भी बीजेपी की अपेक्षा कार्यकर्ताओं का उत्साह कांग्रेस में अधिक दिख रहा है। यही वजह है कि कई जगह कई ऐसे मौके आए जहां कांग्रेसियों ने सामान्य मर्यादा की ऐसी-तैसी कर दी। अभी पिछले दिनों की ही बात है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सागर जिले में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। रहली विधानसभा में आयोजित चुनावी जनसभा के बीच ही उनके सामने दो कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। मामले के गंभीर होने से पहले ही कमलनाथ ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। इन दोनों के बीच कहीं से भी जमीन-जोरू या जायदाद से जुड़ा कोई विवाद नहीं था। लेकिन यहाँ यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि यदि ऐसा कुछ नहीं था फिर ऐसा क्या था जो वरिष्ठ नेता की मौजूदगी में हाथा-पाई की नौबत आ पड़ी। पार्टी नेताओं को भले इस प्रश्न का उत्तर न मालूम हो लेकिन सियासी जानकार इसकी हकीकत जानते हैं। उनके मुताबिक जब चुनाव के दिनों में जमीनी हकीकत में किसी दल विशेष की स्थिति अधिक मजबूत दिखती है तो उसके कार्यकर्ताओं में यह बात घर कर जाती है कि अब तो उनकी सरकार आ रही है। मौजूदा सरकार से एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर के चलते थोड़ी नाराजगी रहती ही है। ऐसे में उत्साहित कार्यकर्ता अक्सर ऐसी गलतिया या अमर्यादित व्यवहार कर देते हैं जिनहे सामान्य स्थिति में वो हरगिज न करें। क्योंकि उन्हे ऐसा लगता है कि उनको यह अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। किसी भी सूरत में अपने को मजबूत दिखाना है जिससे सरकार बनने पर उसका फायदा लिया जा सके। ऐसे में सियासी जानकार भी मानते है कि कार्यकर्ताओं-नेताओं में जब ऐसा उग्र भाव दिखे तो सामान्य स्थिति में इसे इसी नजरिए से देखना चाहिए। इस बार अभी तक मीडिया रिपोर्ट्स और टीवी चैनलों के विश्लेषण में भी प्रदेश में कांग्रेस की हालत बेहतर बताई जा रही है। लिहाजा कांग्रेस का कार्यकर्ता प्रदेश में अपनी सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह से उम्मीद लगाया हुआ है।

ऐसे में जब रहली विधानसभा क्षेत्र में वहाँ की कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल के लिए जनसभा को संबोधित करने कमलनाथ पहुंचे। तो वहाँ भाषण को लेकर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव जीवन पटेल और ग्रामीण पार्टी अध्यक्ष आनंद अहिरवार आपस में भिड़ गए। बाद में बात बढ़ता देख कमलनाथ ने हस्तक्षेप किया और मामला शांत कराया। अगर जानकारों की माने तो कार्यकर्ताओं की यह मारपीट सरकार बनने की उम्मीद जगा रही है।

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