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October 8, 2024
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7 साल बाद फिर नोटबंदी ?

By Shakti Prakash Shrivastva on May 20, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                 8 नवंबर 2016 में देश में नोटबंदी की घोषणा हुई थी। इस नोटबंदी में जहां 500 और 1000 के नोटों का चलन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया था वहीं 500 के नए पैटर्न का नोट और 2000 रुपये के नए नोट चलन में लाए गए थे। लेकिन महज सात साल बाद एक बार फिर रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने 16 मई की शाम एक 2000 के नोट के बाबत एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें इन नोटों को बाजार से हटाए जाने या वापस लिए जाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि सर्कुलर की मुताबिक ये नोट अमान्य नहीं होंगे। इस सर्कुलर के जारी होते ही लोगों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि क्या फिर नोटबंदी की गई है। हालांकि इस सर्कुलर में नोटबंदी जैसा कुछ भी नहीं है। बाजार में इन नोटों की उपयोगिता का नीतियों के तहत आकलन करने के बाद रिजर्व बैंक ने 2018-19 से ही 2000 के नए नोटों की छपाई बंद कर दिया है।

RBI ने सर्कुलर में बाकायदा विस्तार से जिक्र है कि 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंकों में बदला या एकाउंट में जमा किया जा सकेगा। एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत यानि 2000 के दस नोट ही बदले जा सकेंगे।  जबकि खाते में इन नोटों को जमा करने के लिए कोई लिमिट नहीं होगी। अब बैंक 2000 के नए नोट इश्यू नहीं करेंगे। बैंकों में नोट 23 मई से बदले जा सकेंगे। नोट बदलने के लिए बैंक में खाते का होना जरूरी नहीं है। किसी भी बैंक में जाकर नोट बदलवाए जा सकते हैं। नोटबंदी के समय जो देश की आम-अवाम को दिक्कतें हुई थी। वैसी दिक्कतें इस बार नहीं होनी है। जैसा कि पिछली बार बैंकों में लंबी-लंबी लाइने लगती थी। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होना है। क्योंकि पिछली बार घोषणा अचानक हुई थी और समूचा देश नकद लेन-देन पर आश्रित था। लिहाजा किसी भी तरह के लेन-देन के लिए लोगों को बैंकों या एटीएम पर जाना मजबूरी थी। जबकि 7 साल में आज देश में परिस्थितियाँ पहले की अपेक्षा काफी बदल चुकी हैं। आज देश की 97 फीसद आबादी डिजिटल भुगतान पर आश्रित हो चुकी है। वैसे भी आंकड़ों की मुताबिक 2018 में मार्केट के कुल नोटों में 2000 के नोटों की हिस्सेदारी 37 फीसद थी जो आज 2023 में महज 10 फीसद रह गई है। 31 मार्च 2018 तक मार्केट सर्कुलेशन में 2000 के कुल 6 लाख 73 हजार करोड़ रुपये मूल्य के नोट थे जबकि 31 मार्च 2023 तक लगभग आधा यानि महज 3 लाख 62 हजार करोड़ मूल्य के 2000 के नोट रह गए है। ऐसे में ये तो स्पष्ट है कि चलन में अब बहुत कम 2000 के नोट रह गए है। लिहाजा इस बार 2016 जैसी परेशानी किसी को भी नहीं उठानी पड़ेगी।

 

 

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