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January 14, 2025
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BJP : पार्टी माने मोदी-शाह !

By Shakti Prakash Shrivastva on August 17, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

बीजेपी आज देश ही नही बल्कि दुनिया की सबसे बड़े संगठनात्मक आकार वाली राजनीतिक पार्टी है। कहने को पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करती है। लेकिन 2014 के बाद से पार्टी में होने वाले बड़े बदलाव के पीछे किसकी भूमिका अहम रही है यदि इसका विश्लेषण करें तो दो ही नाम लिए जाते हैं। एक तो नरेंद्र मोदी का और दूसरा नाम अमित शाह का। सरकार बनने के बाद जिस तरह से पार्टी के कद्दावर नेता और पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को हाशिये पर किया गया। पार्टी के जन्मदाताओं में शुमार अटल-आडवाणी-जोशी भी नेपथ्य में कर दिए गए। वो पार्टी में नीचे से लेकर ऊपर तक किसी को भूला नही है। इन सभी निर्णयों में इन्ही दो दिग्गजों का नाम उभर कर आता रहा। आज बुधवार को जब बीजेपी संसदीय बोर्ड और केन्द्रीय चुनाव समिति का ऐलान किया गया तो एकबारगी 2014 की याद ताजा हो गयी। जिस तरह तब अचानक अटल-आडवाणी-जोशी सरीखे दिग्गजों को बोर्ड से बाहर कर दिया गया था उसी तरह आज नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबकि नए बोर्ड में दो-तीन ऐसे नाम रखे गए हैं जिनकी उम्र 75 साल से अधिक है। जबकि 2014 में कुछ लोगों को 75 वर्ष से अधिक उम्र होने का हवाला दे बाहर किया गया था। केंद्र में पहली बार सत्तारूढ़ होने के बाद बीजेपी ने अगस्त 2014 के बाद पहली बार अपने दोनों महत्वपूर्ण संगठनों में बदलाव करते हुए नई बोर्ड बनाई है। एक लंबे अरसे से कई सदस्यों के इंतकाल और नई जिम्मेदारियों की वजह से छोड़ने से जगहें खाली थीं। बीजेपी के संसदीय बोर्ड में कुल 11 सदस्य होते हैं। जबकि केन्द्रीय चुनाव समिति में कुल 19 सदस्य होते हैं। चुनाव समिति में संसदीय बोर्ड के सभी 11 सदस्य शामिल होते हैं। इसके साथ ही पार्टी के संगठन महासचिव को भी आरएसएस के प्रतिनिधि के तौर पर इन दोनों में जगह मिलती है। हालांकि आज घोषित हुए चुनाव समिति में केवल 15 नामों का ही एलान किया गया है। 2014 में जब तीनों दिग्गज नेताओं को समिति से बाहर बिठाया गया तो इनके सम्मान में पहली बार मार्गदर्शक मंडल का गठन किया था। इस मार्गदर्शक मंडल में अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर के साथ नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह को शामिल किया गया था। जबकि इस बार इस समिति को लेकर ऐसा कोई एलान नहीं किया गया है। 2014 में पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उस वक्त पार्टी महासचिव जेपी नड्डा को बोर्ड में शामिल किया गया था। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने की वजह से अमित शाह भी इस बोर्ड का पहली बार हिस्सा बने थे। उस समय शिवराज, नड्डा और अमित शाह के अलावा नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, अनंत कुमार, थावरचंद गहलोत पहले की तरह बोर्ड का हिस्सा फिर से बनाए गए थे। तत्कालीन संगठन महासचिव रामलाल भी संसदीय बोर्ड में शामिल थे। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन के कारण उनकी जगह लंबे समय से खाली पड़ी थी। वहीं, वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति और थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने के बाद उनकी जगहें भी बोर्ड में खाली थीं। 2019 में बीएल संतोष पार्टी के संगठन महासचिव बने। तब से वह संसदीय बोर्ड में शामिल हैं। इस तरह पिछले संसदीय बोर्ड में केवल सात सदस्य रह गए थे। इस बार नए संसदीय बोर्ड में शामिल होने वाले नामों में निर्मला सीतारमण से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक की चर्चा थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तक के नाम रेस में बताए जा रहे थे। इसके साथ ही स्मृति ईरानी, भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान को भी संसदीय बोर्ड में शामिल किए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। इन सभी में मात्र भूपेंद्र यादव को केंद्रीय चुनाव समिति में जगह दी गई है। बाकी सभी को दोनों में किसी में भी जगह नहीं मिली। पुरानी चुनाव समिति के सदस्य शाहनवाज हुसैन, जोएल ओराम को भी नई समिति में जगह नहीं मिली है। इस समिति में संसदीय बोर्ड के सदस्यों के अलावा भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस और ओम माथुर को चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया हैं। पार्टी महिला मोर्चा अध्यक्ष वंथी श्रीनिवासनी भी इस समिति का हिस्सा बनी हैं। सबसे चौंकाने वाले नए नामों में पंजाब के इकबाल लालपुरा, हरियाणा से आने वालीं सुधा यादव, तेलंगाना से आने वाले के लक्ष्मण और मध्य प्रदेश के सत्यनारायण जटिया शामिल हैं। जटिया और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस येदियुरप्पा की उम्र 75 वर्ष से अधिक हैं। राजनीति के जानकारों की माने तो आज पार्टी पूरी तरह मोदी और शाह के हिसाब से चल रही है। सभी महत्वपूर्ण निर्णयों में उन्ही का दखल सर्वाधिक दिख रहा है। राष्ट्रपति चुनाव हो या उपराष्ट्रपति का चुनाव सभी में उन्ही का वीटो स्पष्ट तौर पर महसूस किया गया।

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