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जल्द गरजेगा बुलडोजर !

By Shakti Prakash Shrivastva on October 12, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                             उत्तर प्रदेश में अपराधी और बुलडोजर एकदूसरे के पर्याय बनते  जा रहे हैं। अब प्रदेश की अवाम भी इससे बखूबी वाकिफ हो गई है। यही वजह है कि जब कोई आपराधिक वारदात होती है तो इलाकाई जनता यह मान लेती है कि अब आरोपियों के यहाँ बुलडोजर की कार्रवाई होगी। बल्कि किन्ही कारणवश कार्रवाई में विलंब हुआ तो सोशल मीडिया से लगायत हर जगह जनता की आवाज बुलडोजरी कार्रवाई के लिए उठने लगती है। ऐसा ही कुछ देवरिया जिले के फतेहपुर गाँव के लेडहा टोला में दो अक्टूबर को हुए सामूहिक हत्याकांड के मामले में भी देखने को मिल रहा है। यहाँ भी मीडिया से लेकर यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर यहाँ आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। जबकि ऐसा नहीं है कि यहाँ बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी। होगी लेकिन अब थोड़ा कागजी औपचारिक्ताओं के पूरा होने के बाद होगी। होने को तो हत्याकांड के अगले ही दिन आरोपियों के घर और संपत्तियों की नपाई-जोखाई प्रशासन द्वारा कराया गया था। बुलडोजर भी मँगवा लिया गया था लेकिन गाँव के सीवान पर उसे रोक दिया गया। क्योंकि प्रशासन ने यह तय किया कि एक बार और विधिक तरीके से राय-मशविरा करने के बाद धवस्तीकरण जैसे कार्रवाइयों को अंजाम दिया जाए।

जिले के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित इस गांव में 2 अक्तूबर को सुबह छह बजे के लगभग जमीनी विवाद के चलते धारदार हथियार से गला काटकर एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या कर दी गई थी। हत्या की खबर से आक्रोशित पंचायत सदस्य के घर वाले दूसरे पक्ष के घर पर धावा बोलकर पति, पत्नी और उसकी तीन संतानों की गोली मारकर और धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या कर दिए। इस वारदात में एक बेटा गंभीर रूप से घायल हो गयाजो गोरखपुर मेडिकल कालेज में भर्ती है। इस मामले में दोषी पाए गए सरकारी मुलाजिमों पर भी गाज गिरी है और आरोपियों पर भी कार्रवाई खासकर अवैध संपत्तियों को बुलडोजर से जमींदोज करने की कार्रवाई भी होगी। इसके लिए सरकारी महकमा राह में आने वाले हर रोड़ा को हटाने में जुटा हुआ है। लेकिन इसका समय अभी मुकर्रर नहीं है कि ये कार्रवाई होगी तो कब होगी। क्योंकि मीडिया सहित सभी विपक्षी दलों की निगाहें प्रशासन की इस कार्रवाई पर है। इसलिए कार्रवाई में कोई चूक न हो इसके लिए अफ़सारन पूरी सावधानी बरत रहे हैं। यही वजह है कि सोमवार को सभी विवादित संपत्तियों की दुबारा पैमाइश कराई गई। इसमें पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव व अन्य चार आरोपियों की संपत्तियाँ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा पाई गईं।

जिला प्रशासन द्वारा बीते शुक्रवार को प्रेमचंद यादव और उनके सहयोगियों के घर पर धारा-67 की नोटिस भी चिपका दी गई है। यह मामला संवेदनशील होने के कारण इसकी कागजी प्रक्रियाएं पूरी करने में समय लग रहा है। यही नहीं राजनीतिक दलों की भी निगाह बुलडोजर की कार्रवाई पर है। इस कारण भी अधिकारी सावधानी से काम कर रहे हैं। कार्रवाई की जद में आने वाले सभी घरों में महिलाओं और बच्चों के होने के कारण भी उन्हें नियमानुसार हटाने की तैयारी की जा रही है। मौके पर कोई बवाल न हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का खाका भी तैयार किया जा रहा है। इतना ही नहीं कार्रवाई के लिए प्रशासन यह भी सावधानी बरत रहा है कि कब अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया जाए जब भीड़ न हो। इसके लिए बकायदे समय के निर्धारण की योजना बनाई जा रही है। ऐसे में भले प्रशासन की तरफ से मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है जिसके नाते कार्रवाई में विलंब हो रहा है। लेकिन यह सौ फीसद सच है कि आरोपियों के अवैध चिन्हित घरों व निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई होगी और वो भी जल्द होगी।

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