Responsive Menu
Add more content here...
June 16, 2025
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • गांवों व कस्बों में कोरोना फैलने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट चिंतित,कोविड शिकायत सेल खोलने का आदेश

गांवों व कस्बों में कोरोना फैलने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट चिंतित,कोविड शिकायत सेल खोलने का आदेश

By Nikhil Pal on May 12, 2021
0 383 Views

प्रयागराज-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की। राज्य सरकार की तरफ से कोविड की रोकथाम को लेकर जो हलफनामा पेश किया गया उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखा। कोर्ट ने कहा कि सेक्रेटरी होम की तरफ से दाखिल हलफनामे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।हाई कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव को 48 घंटे के भीतर प्रत्येक जिले में सदस्यीय पब्लिक ग्रीवांस कमेटी गठित करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की सुनवाई 17 मई को 11 बजे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से होगी।

48 घंटे में करें आदेश का पालन-हाई कोर्ट

सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोविड मरीजों को लेकर हेल्थ बुलेटिन भी जारी नहीं किया जा रहा है। जिसके बाद कोर्ट ने हर जिले में तीन सदस्यों की पेंडमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के गठन का निर्देश दिया। साथ ही जिला जज को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट या ज्यूडीशियल ऑफिसर रैंक के अधिकारी को नामित करने का आदेश दिया।कोर्ट ने कहा कि आदेश के 48 घंटे के भीतर चीफ सेक्रेट्री होम को कमेटी गठित करनी होगी। पब्लिक ग्रीवांस कमेटी कोविड के बढ़ते संक्रमण पर नजर रखेगी।हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि बहराइच, बाराबंकी, बिजनौर, जौनपुर और श्रावस्ती के शहरी और ग्रामीण दोनों हिस्सों में किए गए कोरोना परीक्षणों की संख्या और उस प्रयोगशाला का परीक्षण किया जाए, जहां से परीक्षण किया जा रहा है।दरअसल इन 5 दिनों में जिलों में ग्रामीण इलाके में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है।मेरठ में ऑक्सीजन की कमी से हुई 20 मौतों के मामले में डीएम मेरठ की जांच रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतोष जताया है। पीठ ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसपल की ओर से दी गई सफाई पर भी असंतोष जताया। इनका कहना था कि जो मौते हुई हैं वह संदिग्ध कोरोना मरीजों की हुई हैं क्योंकि उनकी एनटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई थी। इस पर कोर्ट का कहना था कि यदि संदिग्ध मरीजों की मौत पर उनका शव परिजनों को सौंप दिया जाना उचित कदम नहीं है। यदि किसी भी मरीज की मौत टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले हो जाती है और उसे इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण हैं तो उसे संदिग्ध कोरोना मौत मानकर ही प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जाए।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *