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लखनऊ:कोरोना की स्थिति संभालने के लिए एक अपर निदेशक और तीन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य को जिम्मा

By Nikhil Pal on April 19, 2021
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लखनऊ-यूपी के सीएम योगी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी अधिकारियों के साथ कोरोना से उपजे हालात को लेकर समीक्षा बैठक की।योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अब लखनऊ में एक अपर निदेशक के साथ तीन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में फैसला लेंगे। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते प्रसार के बीच में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लगभग सरेंडर कर दिया था। उनके शिथिल होने के कारण लखनऊ में स्थितियां दिन पर दिन विकराल होती गईं। यहां पर संक्रमितों को ना तो हॉस्पिटल में बेड मिल पा रहा था और ना ही कोई बेहतर चिकित्सा सुविधा। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले का संज्ञान लिया। लखनऊ में काबिल अफसर की कमी सरकार को भी खली और यहां पर चार वरिष्ठ अफसरों को तैनात किया गया है। लखनऊ में अपर निदेशक डॉ. जीएस बाजपेयी के साथ संयुक्त निदेशक डॉ. वाइके पाठक, डॉ. विकास सिंघल व डॉ. सुनील पाण्डेय को तैनात किया गया है।

मायावती ने उठाया ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा

वही उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से इसकी सप्लाई पर विशेष ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने तो यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़े तो इसका आयात भी करें।मायावती ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वैक्सीन व अस्पतालों में इलाज के लिए आक्सीजन की जबर्दस्त कमी है। केंद्र सरकार इनकी सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर विशेष ध्यान दे और यदि इसके लिए आयात करने की जरूरत पड़ती है तो आयात भी किया जाए। उन्होंने कहा कि देश की जनता से भी पुन: अपील है कि राज्य सरकारों के कोरोना महामारी से बचाव के उपाय के तहत जो भी सख्ती तथा सरकारी गाइडलाइंस दिए जा रहे हैं उसका सही से अनुपालन करें ताकि कोरोना प्रकोप की रोकथाम हो सके अर्थात लोग भी अपनी जिम्मेदारी को निभाएं।मायावती ने कहा कि इसके अलावा, कोरोना वायरस अब युवाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगा है, जो काफी चिन्ता का विषय बनता जा रहा है। अत: कोरोना वैक्सीन के संबंध में उम्र की सीमा के संबंध में भी केन्द्र सरकार को अब जरूर यथाशीघ्र पुनर्विचार करना चाहिए।

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