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लखीमपुर हिंसा : हिंसा थमा बवाल नहीं, वार्ता में हुई सुलह, इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

By Shakti Prakash Shrivastva on October 4, 2021
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लखीमपुर, (संवाददाता)। लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत के बाद हिंसा तो थम सा गया है लेकिन घटना से उपजा बवाल थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश का पूर्वाञ्चल, पश्चिमाञ्चल, बुंदेलखंड, या मध्यांचल का हिस्सा हो या पंजाब, हरियाणा या उत्तराखंड का हर जगह विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तो सपा सुप्रीमो की गिरफ्तारी के बाद हुए बवाल में पुलिस जीप मे आग लगा दी गयी। सुरक्षा कारणों से कांग्रेस, सपा, बसपा, आप, लोकदल सहित अन्य दलों के नेताओ को लखीमपुर जाने रोका गया। विरोध को देखते हुए इलाके में धारा 144 तामील कर पुलिस-पीएसी के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स और सशत्र सीमा बल के जवानो की तैनाती की गयी है।

भाकियू नेता राकेश टिकैत सहित किसान नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों के कई राउंड के बातचीत के बाद निकले नतीजे में आरोपित मंत्री पुत्र पर मुकदमा दर्ज हुआ, मृतकों को 45 लाख और घायलों को 10 लाख मुआवजा मिलन तय हुआ, मृतक परिवार में एक को सरकारी नौकरी दिये जाने के साथ साथ पूरे घटना की हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में न्यायिक जांच कराई जाएगी। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने सरकार को चकमा देते हुए प्रतिबंध के बावजूद लखनऊ सीमा रात में ही पार कर लखीमपुर की ओर निकलने में सफल हो गयी। हालांकि उन्हे बीच रास्ते में प्रशासन ने रोक कर सीतापुर गेस्ट हाउस में रखा है। वाहा विरोध स्वरूप प्रियंका गांधी ने गेस्ट हाउस में झाड़ू लगाया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। प्रियंका के अलावा दूसरे नेता आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह रहे जो लखीमपुर के रास्ते तय किए हालांकि उन्हे भी ढाई बजे रात बीच में ही रोक दिया गया। इन नेताओं के अलावा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव सुबह लखीमपुर के लिए जैसे ही निकले उन्हे रोक दिया गया। विरोध में अखिलेश बीच सड़क पर बैठ गए। बाद में प्रशासन ने उन्हे वाहा से उठाकर गिरफ्तार किया और बाद में रिहा कर दिया। इस बीच सपाइयों ने आक्रोश में पुलिस की खड़ी जीप आग के हवाले कर दिया। अखिलेश ने कहा बीजेपी सरकार अंग्रेज़ो की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे और किसानों को 2-2 करोड़ का आर्थिक सहायता देने की भी मांग की। जिन नेताओं को प्रशासन ने लखनऊ से बहार निकलने ही नहीं दिया उनमें बसपा महासचिव सतीश मिश्र, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा और शिवपाल यादव शामिल हैं। किसान नेताओं की मांग की मुताबिक लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों पर हत्या, आपराधिक साजिश और बलवे का केस दर्ज हुआ है। यह केस बहराइच के नानपारा के रहने वाले जगजीत सिंह की तहरीर पर तिकुनिया थाने में लिखा गया है। इधर, मंत्री अजय मिश्र के ड्राइवर की तहरीर पर तिकुनिया थाने में ही अज्ञात किसानों पर हत्या, जानलेवा हमला, बलवा और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। घटनास्थल पर किसानो का जमावड़ा बढ्ने लगा हैं। यहां किसानों की संख्या दो हजार हो गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिया है। दंगा नियंत्रण की 3 गाड़ियां मंगाई है। पुलिस-पी ए सी के अलावा आर ए एफ और एस एस बी की टुकड़िया तैनात कर दी गयी है।

  • आज सुबह घटनास्थल पर कवरेज करने पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी किसानो ने खदेड़ दिया। एक कैमरामैन का कैमरा तोड़ दिया गया और उसकी एक अंगुली भी तलवार के हमले में कट गई। इस दौरान स दौरान पत्थरबाजी भी हुई। न्यूज चैनलों ने अपनी ओबी वैन भी 4 से 5 किमी दूर खड़ी की हैं। पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर हिंसा की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने किसानों की मौत को अक्षम्य करार दिया है।
  • अपर मुख्य सचिव गृह ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को पत्र लिखकर अमौसी एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पंजाब के उपमुख्यमंत्री का विमान लैंड ना कराए जाए जाने को कहा है। आज बघेल और चन्नी लखीमपुर जाने वाले थे।
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