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April 28, 2024
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पियरका बाबा के पीलिया श्राप

By Shakti Prakash Shrivastva on December 9, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बारे में सियासी गलियारे सहित आमजन में भी यह धारणा बनने लगी है कि वो कभी भी कुछ भी बोल सकते हैं और किसी के भी बारे में बोल सकते हैं। अक्सर अपनी विवादित बोलों के चलते सुर्खियों में रहने वाले राजभर इस बार किसी को पीलिया श्राप दिए जाने के नाते मीडिया में एकबार फिर से छा गए हैं। इस बार राजभर के निशाने पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव हैं। उन्होंने अखिलेश पर गरीब, मजलूम लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पाँच साल की अपनी सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए पिछड़ों का हक लूटने का काम किया है। इस बार मैंने कहा है कि पिछड़ों-गरीबों का हक लूटने की कोशिश करोगे तो फिर मैं श्राप दे दूंगा। और जानते हो जब मैं श्राप देता हूँ तो पीलिया हो जाता है। यह पीलिया तब तक ठीक नही होता है जब तक वो पीला झण्डा न पकड़ ले। सुभासपा सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर का पीला रंग से खासा लगाव है। यही वजह है कि राजभर अक्सर पीला वस्त्र ही धारण करते हैं। उनकी पार्टी का झण्डा भी पीले रंग का ही है। इसीलिए राजभर को सियासी दुनिया में अब पीला बाबा के रूप में पहचान मिलती जा रही है। भोजपुरी इलाके में उन्हे पियरका बाबा कहा ही जाता है। मीडिया से मुखातिब राजभर लगातार इस बात पर कायम है कि वो प्रदेश सरकार में मंत्री बनेंगे ही बनेंगे। शुरू में उन्होंने घोसी विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में यह ऐलान किया कि वो चुनाव बाद मंत्री बनेंगे। चुनाव में बीजेपी की हार हो गई लिहाजा अब राजभर की दावेदारी भी कमजोर हो गई। बाद में बीजेपी पार्टी मुख्यालय, दिल्ली में भी राजभर ने खूब समय बिताया। बीजेपी हाइकमान से भी मुलाकात की। बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद मिले संदेश के परिणाम स्वरूप राजभर ने दीपावली के इर्द-गिर्द फिर से सरकार में शामिल होने व मंत्री बनने के लिए डेट देना शुरू कर दिया। सात नवंबर के बाद दीपावली के इर्द-गिर्द की तिथियाँ बताई जाने लगी। लेकिन राजभर का यह मंसूबा एकबार फिर पूरा नहीं हो सका। अब तो राजभर के मुद्दे पर ही बीजेपी पार्टी हाइकमान के प्रतिनिधि भी कटघरे में घिरे नजर आ रहे हैं। क्योंकि राजभर का साफ तौर पर कहना है कि राज्य सरकार में जैसे ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा मै यहाँ जरूर रहूँगा। यानि मंत्री बनूँगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह दिन दूर नहीं है। जिस दिन भी उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। मैं उस सरकार में अवश्य रहूँगा। राजभर की पार्टी के हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा में लगभग आधा दर्जन से भी अधिक विधायक है। अब राजभर की कोशिश ये है कि जल्द से जल्द अपनी समस्याओं से निजात पाए। नए तरीके से राजभर फील्डिंग करने मे जुट गए है। इसबार राजभर कोई रिस्क लेना नहीं चाहते है। वो चाहते है कि इस बार की लड़ाई आर-पार की ही हो।

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