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हरदोई जिला पंचायत चुनाव : 58 साल बाद टूटेगा ‘नरेश’ का तिलिस्म

By Shakti Prakash Shrivastva on June 26, 2021
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लखनऊ, (मुख्य संवाददाता)। हरदोई जिले में सांसद, विधायक, नगर पालिका का चुनाव हो या जिला पंचायत चुनाव सभी पर नरेश अग्रवाल परिवार का दबदबा रहता है। जिला पंचायत चुनाव में तो उनका यह दबदबा एक-दो नहीं बल्कि पिछले 58 सालों से लगातार कायम है। पहली बार इस साल ऐसा मौका आया है जब यह दबदबा खत्म होने जा रहा है। इस बार यहाँ जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया है।

नरेश अग्रवाल के परिवार में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी का सफर सन 1963 से शुरू हुआ। नरेश अग्रवाल के पिता श्रीश चंद्र अग्रवाल 1963 से 1968 तक फिर 1989 से 1990 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 1990 से 2000 तक किसी विवाद के कारण जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ। जबकि इस दौरान जिलाधिकारी और कार्यकारी अध्यक्ष से काम चलाया गया। 2000 में नरेश अग्रवाल के भाई मुकेश अग्रवाल जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद 2005 में भी वह अध्यक्ष पद पर बने रहे। 2010 में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित होने की वजह से मुकेश की पत्नी कामिनी अग्रवाल को लड़ाया गया। 2015 में जब सीट पिछड़ा वर्ग के लिए अरक्षित हुई तो अग्रवाल परिवार ने अपने करीबी मीरा को इस पद पर जितवा दिया। लेकिन इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनूसूचित जाति (SC) की महिला के लिए आरक्षित हो जाने की वजह से परिवार रेस से बाहर हो गया है। हालांकि भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिताने की जिम्मेदारी नरेश अग्रवाल को ही सौंपी है। इस बार 72 जिला पंचायत सदस्यों वाले जिले में निर्दलीय सदस्यों की भूमिका अहम है, संख्या बल अधिक होने की वजह  वही तय करेंगे अध्यक्ष। ऐसी स्थिति में भाजपा कैसे इस वर्चस्व को तोड़ेगी यह देखने वाली बात होगी। नरेश अग्रवाल 1980 से 2007 तक 7 बार विधायक रहे हैं। इस दौरान वह कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा में भी रहे हैं। 2008 में जब उन्हें बसपा से राज्यसभा सांसद बनाया गया तो यहां से उनके बेटे नितिन अग्रवाल का सफर शुरू हुआ। 2008 में जब उपचुनाव हुआ तो नितिन अग्रवाल विधायक बनकर पहली बार सदन में पहुंचे। इसके बाद नितिन 2012 में फिर सपा के टिकट पर चुनाव जीते। वहीं नरेश अग्रवाल भी सपा से राज्यसभा सदस्य बनाये गए। 2017 विधानसभा चुनावों में भी नितिन अग्रवाल सपा से विधायकी जीते लेकिन नरेश अग्रवाल ने 12 मार्च 2018 को भाजपा ज्वाइन कर ली। जिसके बाद नितिन भी भाजपा के पाले में चले गए।

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