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यूपी में जमीन कारोबार : फर्जी प्लाटिंग के धंधे पर लगेगा अंकुश, आसान नहीं होगा प्लाट बेचना

By Shakti Prakash Shrivastva on July 14, 2021
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लखनऊ, (मुख्य संवाददाता) चंद वर्षों पहले तक जमीन का कारोबार तकदीर बदलने वाला कारोबार माना जाता था। नोटबंदी के बाद से इस धंधे में काफी गिरावट आई। लेकिन शहरों में अवैध सोसायटी बसाकर प्लाटिंग कर उसे बेचने का धंधा फिर भी ठीक-ठाक चल रहा था। सरकार अब ऐसे फर्जी कारोबार पर नकेल लगाने की तैयारी कर रही है। जल्द ही इस बाबत व्यापक दिशा-निर्देश आवास विभाग द्वारा जारी किए जाएँगे। इसके तहत शहरों में अवैध सोसायटी बसाने वालों को चिह्नित किया जाएगा और इनकी सूची भी प्रकाशित की जाएगी। इसके साथ ही अवैध सोसायटी बसाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिससे ऐसे प्रापर्टी डीलरों के चंगुल में फंसने से लोगों को बचाया जा सके।

प्रदेश के लगभग सभी शहरों में आज अवैध आवासीय सोसायटी एक बड़ी समस्या है। किसानों से सीधे जमीन लेकर प्रापर्टी डीलर लोगों को जमीन बेच देते हैं। इतना ही नहीं कुछ तो बिना जमीन के ही लोगों को अपने झांसे में फंसा कर उनसे मोटी रकम ले लेते हैं और उन्हें जमीन भी नहीं देते हैं। अवैध सोसायटियों में बिना नक्शा पास कराए मकान बनाए जाते हैं। इसीलिए नई व्यवस्था बनाते हुए मौके पर अवैध प्लाटिंग करने वालों को रोका जाएगा। अमूमन आवासीय सोसायटी बसाने वाले बिल्डर न तो लेआउट पास कराते हैं और न ही खेती की जमीन को आवासीय में परिवर्तन कराते हैं। ऐसे लोगों पर अब नकेल कसी जाएगी। अब विकास प्राधिकरण के अधिकारी जांच के दौरान प्रापर्टी डीलरों से जमीन के जरूरी दस्तावेज़ परखेंगे  पर उनके खिलाफ स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए कानूनी सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के विभिन्न प्राधिकरणों में अवैध तरीके से प्लाटिंग करने या फिर झांसा देकर प्लाट बेचने की लगभग 10 हजार से अधिक शिकायतें मिली हैं। प्रदेश में लगभग 2942 अवैध कालोनियां हैं। इनमें से 1880 कालोनियों को नोटिस दिया जा चुका है।  इनमें से 210 अवैध कालोनियों की सोसायटी वालों ने अपनी कालोनियों को वैध कराने के लिए विकास प्राधिकरणों में आवेदन किया है।

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