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January 14, 2025
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संसद का मानसून सत्र : हंगामें की भेंट चढ़ा पहला दिन

By Shakti Prakash Shrivastva on July 19, 2021
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नयी दिल्ली, (संवाददाता)। भारतीय राजनीति का भी खेल गजब है। लोकतन्त्र की मर्यादा को तार-तार होते देखना या महसूस करना चाहते हैं तो संसद की कार्यवाही पर गौर फरमाइए। देश के दूर-दराज के इलाकों की समस्याओं को एक मंडप में बैठकर समझना-समझाना और उसके हल के लिए मसौदा तैयार करने के लिए ही संविधान में संसद की रूपरेखा बनी। लेकिन सच्चाई क्या है। सदन अक्सर हंगामे का शिकार होते रहता है। सोमवार को सुबह निर्धारित समय पर संसद का मानसून सत्र शुरु हुआ। लेकिन शुरू होते ही विपक्षियों के शोर-शराबे इतने शुरू हुए कि पहले अपराहन तक और बाद में मंगलवार की सुबह तक के लिए स्थगित हो गया। ऐसा सिर्फ एक सदन यानि लोकसभा में ही नहीं बल्कि राज्यसभा में भी हुआ।

संसद के मानसून सत्र की जैसे ही शुरुआत हुई विपक्ष ने कोरोना की दूसरी लहर, कमर तोड़ मंहगाई, चीन से विवाद, जनसंख्या नीति और पत्रकारों-नेताओं की जासूसी जैसे मुद्दो को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के कारण पहले सदन दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गयी। फिर अपराहन में जैसे ही शुरू हुई विपक्ष फिर हमलावर हो गया। इस बार सदन साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित की गयी। लेकिन इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी’ हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा कि वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है। विपक्ष ने इस्राइल के पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन हैक किए जाने का मुद्दा भी उठाया। जिसमे 150 से ज्यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है। हालांकि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जासूसी के आरोप गलत हैं। फोन टैपिंग को लेकर सरकार के नियम बेहद सख्त हैं। शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि कुछ लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है। क्योंकि आज इस सदन में महिलाएं जो मंत्री बनी हैं, उनका परिचय हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि कई दलित भाई मंत्री बने हैं। हमारे कई मंत्री ग्रामीण परिवेश से है, लेकिन यहाँ मौजूद कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है।

 

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