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यूपी विधानसभा चुनाव : इतिहास बीजेपी रचेगी या बीकेयू दुहरायेगी

By Shakti Prakash Shrivastva on September 6, 2021
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव की मतलब की बात

लंबे अरसे से चल रहे किसान आंदोलन के क्रम में रविवार को मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी के मैदान में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले महापंचायत लगी। इस आयोजन में शिरकत लेने पहुंचे बड़ी संख्या में किसानों ने केंद्र और राज्य की सरकारों को उनकी हठधर्मिता के लिए न केवल ललकारा बल्कि आगामी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा के होने वाले चुनाव में हर हाल में हराने का संकल्प भी लिया। यहाँ एक बात गौर करने वाली है, जिसका इतिहास भी गवाह है कि जिस सरकार के खिलाफ मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत अभी तक हुई है उस सरकार को होने वाले विधानसभा चुनावों में मुंह की खानी पड़ी है।

लगभग डेढ़ दशक से ऐसा देखा जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान जिस किसी भी सरकार के खिलाफ लामबंद हो महापंचायत किए उस सरकार को दुबारा सत्ता का स्वाद नही मिल पाया। घटनाएँ भी इसकी तसदीक करती हैं। 4 फरवरी, 2003 को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की महापंचायत बसपा की मायावती सरकार के खिलाफ आयोजित हुई थी। इस महापंचायत का आयोजन बीकेयू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत पर कलेक्ट्रेट में हुए लाठीचार्ज के विरोध में किया गया था। इसके बाद हुए चुनाव में  मायावती को सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ा था। इसी तरह बीकेयू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बयान के बाद उनकी सिसौली में हुई गिरफ्तारी के विरोध में 8 अप्रैल 2008 को जीआईसी के इसी मैदान में बसपा सरकार के खिलाफ बड़ी पंचायत आयोजित हुई थी। इसके बाद 2012 में चुनाव हुए, जिसमें बसपा सत्ता से बाहर हो गई थी। बसपा के बाद 2012 में सपा की सरकार आई। जिले में कवाल कांड के बाद बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 7 सितंबर 2013 को नंगला मंदौड में पंचायत बुलाई। इस महापंचायत के बाद जिले में हुए दंगे से बीकेयू की छवि प्रभावित हुई लेकिन जन आक्रोश के चलते 2017 में सत्ता परिवर्तन हो गया और प्रदेश में बीजेपी की सरकार काबिज हो गई। एक बार फिर समय चक्र ने करवट ली और स्थितियाँ कमोबेश वैसी ही बन गयी हैं। उत्तर प्रदेश मे विधानसभा का चुनाव 2022 में होना है। इसके पहले एक बार फिर मुजफ्फरनगर के उसी एतिहासिक मैदान में पुनः महापंचायत लगी है। विधानसभा चुनाव मे यह देखना रोमांचक होगा कि इस बार बीकेयू अपना पुराना रिकार्ड दुहरा पाती है या प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सत्तारूढ बीजेपी सरकार सत्ता में दुबारा वापसी कर नया इतिहास रचने में कामयाब हो जाती है। क्योंकि इधर ऐसा देखा गया है कि प्रदेश की सत्ता में रहने वाली पार्टी को दुबारा सत्ता का स्वाद नहीं मिल सका है।

 

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