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February 7, 2025
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कब तक ऐसे ‘नंगी’ होती रहेंगी महिलायें?

By Shakti Prakash Shrivastva on July 23, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                   भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में अपनी मांगो के लिए लोकतान्त्रिक मर्यादाओं के तहत विरोध प्रदर्शन करना कही गलत नहीं है। लेकिन विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला विशेष को टार्गेट कर विरोध के नाम पर उनका उत्पीड़न करना किसी भी रूप में क्षम्य भी नहीं है। इस तरह महिला का उत्पीड़न चाहे व्यक्तिगत स्तर पर हो या सामाजिक स्तर पर कहीं से भी जायज नहीं है। लेकिन आज देश में चाहे मणिपुर में हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ जो कृत्य हुआ या बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ अन्य राज्यों में जो हो रहा है वो न केवल शर्मनाक है, निंदनीय है बल्कि साथ ही देश में महिला सशक्तिकरण के लिए चल रहे सरकारी मुहिम को भी पलीता लगाने वाला है। ऐसे में यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि आखिर इस तरह कब तक नंगी होती रहेंगी महिलायें।

मणिपुर की घटना को ही लें मैतई समाज जनजातीय आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में कुकी और नागा समाज के लोग उनका विरोध करने लगते है और देखते ही देखते यह विरोध हिंसा का रूप ले लेता है। इसी बीच 4 मई  को प्रदेश के थाउबल जिले में कुछ महिलाओं को हिंसा पर उतारू लोग पकड़ लेते हैं और उनको भारी भीड़ में निर्वस्त्र कर वो सब कुछ करते है जिसे बयां करना असंभव व मर्यादा के विपरीत है। हालांकि मामले में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले दर्ज कर पुलिस दबिश डाल रही है। अभी तक कुल छः आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। इस मामले का खुलासा बुधवार को हुए 26 सेकंड के एक वायरल वीडियो से हुआ। महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने वाले इस देश में मणिपुर की इस घटना से पूरा देश सदमे मे है। है। इसी बीच बिहार के बेगूसराय में भी महिला सशक्तिकरण को ठेंगा दिखाने वाली एक और वारदात सामने आई। इसमें कुछ लोगों द्वारा एक युवती के जबरन कपड़े उतारते समय का वीडियो वायरल है। हुआ ये कि एक युवती एक अधेड़ उम्र के लोकगायक के साथ कमरे में आपत्तिजनक अवस्था में थी। लोक गायक पूरी तरह नग्न था। युवती के शरीर के ऊपरी हिस्से को ढकने वाली एक छोटी सी चोली भर थी जिसे एक आदमी खींचकर फाड़ता हुआ वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है और दूसरा उसकी वीडियोग्राफी कर रहा है। बेगूसराय जिले की इस वारदात में पुलिसिया एक्शन भी तब शुरू हुआ, जब युवती की अस्मत बिना चेहरा ढंके वीडियो के जरिए वायरल हो गई। यह पूरा मामला बेगूसराय जिला के तेघड़ा थाना क्षेत्र का है। वायरल वीडियो में जहां लोक गायक वीडियो बनाने वालों के सामने कपड़ा पहनने का प्रयास करता दिख रहा है वहीं युवती पहले अपने एकमात्र कपड़े को बचाने की कोशिश करती दिख रही है। चार लोग मिलकर उसे नग्न करते हुए वीडियो में दिख रहे हैं। लोक गायक को पीटा जा रहा है, जबकि युवती के कपड़े उतारने के बाद वीडियो बनाने के दौरान प्राइवेट पार्ट छिपाने का प्रयास करने पर बाल खींचते हुए पीटा भी जा रहा है।  पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। वीडियो में मारपीट करते हुए दिख रहे लोगों की भी पहचान की जा रही है। पुलिस की मुताबिक जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो जाएगी। ऐसे ही एक मामला बिहार के सीतामढ़ी जिले में कुछ साल पहले घटित हुआ था जब पीड़िता अपने घर में चापाकल पर स्नान कर रही थी। तभी  भोला राउत नाम के पड़ोसी ने उसका नहाते वीडियो बना लिया। फिर उसने वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उसको जबरन संबंध बनाने का दवाब डालने लगा। जब पीड़िता इसकी शिकायत करने उसके घर गई तो वहां उसे एक कमरे में बंद कर आरोपी भोला राउत ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उस दुष्कर्म का भी उसने वीडियो बना लिया। इस बात की जानकारी मिलने पर पीड़िता के परिजनों ने भोला राउत, उसकी मां संजू देवी, पिता शुभ नारायण राउत, आरोपी भोला राउत के दोस्त चिंटू कुमार, रानी देवी और टूनी देवी को नामजद करते हुए मामला दर्ज कराया।

सवाल ये है कि जब देश में निर्भया कांड के बाद इतना सख्त कानून बनाया गया उसके बावजूद महिला उत्पीड़न की घटनाए कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। आखिर क्यों। जानकार इसकी कुछ खास वजहें बताते हैं। उनका मानना है कि न्याय में देरी, सजा के भय की समाप्ति, अश्लील सामग्री, पुरुषवादी मानसिकता समेत प्रशासनिक उदासीनता एक मुख्य वजह है। जिस देश में महिला, शक्ति स्वरूपा, आराध्या, सृजनहार जैसे अनेकानेक रूप में सदियों से पूजित रही है आज उसके साथ मानवता को शर्मसार करने जैसी हो रही घटनाएं क्यों हो रही है यह समझ से परे है। देश के सतताशीर्ष पर बैठे लोगों को इस पर गंभीरता से मनन करना होगा। इसको रोकने की स्थायी और सख्त कानून को न केवल बनाना होगा बल्कि उसे कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की व्यवस्था भी करनी होगी। तब शायद ऐसी घटनाओं में कमी दर्ज की जा सके।

 

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