Responsive Menu
Add more content here...
December 9, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • यूपी विधानसभा चुनाव : गठबंधन में दरार, ये तो होना ही था

यूपी विधानसभा चुनाव : गठबंधन में दरार, ये तो होना ही था

By Shakti Prakash Shrivastva on January 24, 2022
0 240 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

          मौजूदा परिप्रेक्ष्य में राजनीति की कोई एक स्थापित या मान्य परिभाषा नहीं रह गयी है। यही वजह है कि वर्तमान संदर्भ में ऐसा माना जाने लगा है कि राजनीति में जो सिद्धान्त आपका हितसाधक हो वही उचित है। नेता जब तक किसी पार्टी में रहता है वो उसका गुणगान करता है उसके नीतियो को सर्वहितकारी करार करता है लेकिन जिस दिन उससे अलग होता है उसी दल को समाज विशेष का सबसे बड़ा दुश्मन घोषित करने से भी परहेज नहीं करता है। हाल ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी में पूरे कार्यकाल यानि 5 साल तक बतौर मंत्री-विधायक सत्ता सुख लेने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी जैसे मंत्रियों ने और दर्जन भर विधायकों ने पार्टी की नीतियों से असहमति जताते हुए पार्टी छोड़ने के साथ-साथ धूर विरोधी समाजवादी पार्टी का थामन थाम लिया। ये लोग लांछन कुछ भी क्यों न लगाए लेकिन सच्चाई ये है कि बीजेपी में इन्हे अपना भविष्य अब धुंधला लगने लगा था लिहाजा मौका देख इल्जाम लगा किनारा कस लिया। लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि ऐसे दलबदलुओ जिनका दीन-ईमान सब राजनीतिक स्वार्थ है उनका अंत बड़ा कष्टकारी होता है। कुछ ही दिन बाद उनका नए ठिकाने से भी मन उचटने लगता है और फिर वो एक नया ठिकाने की तलाश में लग जाते है। जब बड़ी तादाद में नेता बीजेपी छोड़ सपा का दामन थामने लगे तो लखनऊ के राजनीतिक विश्लेषक राजेश श्रीनेत ने कहा था कि अब बहुत जल्द वहाँ भी तकरार होनी तय है। जल्द ही वहाँ से भी असंतुष्टि की खबर आने लगेगी। बिलकुल हुआ वही जैसा श्री राजेश ने कयास लगाया था। अभी प्रथम और द्वितीय चरण के प्रत्याशियों के नामों की घोषणाएँ ही हुई है लेकिन समाजवादी पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी  और राष्ट्रीय लोकदल के बीच कुछ सीटो पर बँटवारे को लेकर मनमुटाव जगजाहिर होने लगा है। मध्य और पश्चिमी यूपी की 2 विधानसभा सीटों पर इनके बीच गठबंधन की गांठ सरकते नजर आने लगी है। हरदोई की संडीला और बिजनौर विधानसभा सीट पर गठबंधन के हर दल ने अपने प्रत्याशी उतार कर एक दूसरे के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। हरदोई की संडीला विधानसभा सीट पर सपा और राजभर दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। वहीं बिजनौर में सपा और रालोद ने सदर सीट पर अलग-अलग प्रत्याशी उतार दिए हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने रविवार को हरदोई की संडीला विधानसभा सीट से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी को एसपी-सुभासपा गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया है। इसका पत्र भी उन्होंने जारी कर दिया है। हरदोई के संडीला सीट पर ओमप्रकाश राजभर साल 2019 से बहुत एक्टिव हैं। इस सीट पर करीब 60 हजार अर्कवंशी समाज के लोग हैं। यही वजह है कि वो अर्कवंशी को साधने के लिए पार्टी ने अर्कवंशी प्रत्याशी उतारा। पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ इस विधानसभा में एक बड़ी जनसभा भी की थी। जैसे ही शनिवार को अखिलेश यादव ने रीता सिंह के नाम पर मुहर लगाई, अगले ही दिन ओमप्रकाश राजभर ने अपने प्रदेश अध्यक्ष हरदोई निवासी सुनील अर्कवंशी को संडीला विधानसभा से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसी तरह बिजनौर में रालोद ने सदर सीट से डॉक्टर नीरज चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिजनौर सदर सीट पर डॉक्टर रमेश तोमर को मैदान में उतारा है। अब दोनों ही प्रत्याशी नामाकंन की तैयारी में जुट गए हैं। बिजनौर में कुल 8 विधानसभा सीट हैं। सपा-आरएलडी गठबंधन में दो सीट रालोद के खाते में जबकि 6 सीट सपा के खाते में गई है। नाम की घोषणा के बाद दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी नॉमिनेशन करने की तैयारी में जुट गए हैं। दोनों के चुनाव मैदान में होने से गठबंधन को नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है। दोनों गठबंधन के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा करते नजर आ रहे हैं। इस तरह ऐसे नेताओं की मौजूदगी में ऐसी राजनीति के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि ये तो होना ही था। थोड़ा पहले थोड़ा बाद में।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *