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कोरोना की वजह से ठीक एक साल पहले देश में लगा था लॉकडाउन, लोगों पर टूटा था मुसीबतों का पहाड़

By Nikhil Pal on March 24, 2021
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नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से ठीक एक साल पहले रात 8 बजे देश में लॉकडाउन का एलान किया था।उस वक्त कोरोना ने देश पर ऐसा कहर बरपाया कि सब कुछ बंद हो गया। रेल, हवाईजहाज, बसें, कारखाने, दुकानें और हजारों कंपनियां समेत लगभग सभी जरूरी साधनों को बंद करना पड़ा और लोग घरों में कैद हो गए थे। देश में अब संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है, जो बेहद खतरनाक है।कोरोना वायरस ने लोगों के रहने सहने के तरीके में बहुत बदलाव ला दिया है।आज एक साल बाद भी भले ही देश लॉकडाउन से आजाद हो गया हो, लेकिन कोरोना का खतरा बरकरार है।

24-25 मार्च 2020 को लगा था लॉक डाउन

22 मार्च, 2020 को 14 घंटे की ‘जनता कर्फ्यू’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 21 दिनों के लिए पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था।जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, उस वक्त देश में कोरोनावायरस के कुल 536 मामले थे।प्रधानमंत्री ने अपनी घोषणा में कहा था कि “किसी तरह से पैनिक करने की जरूरत नहीं है।लॉकडाउन के दौरान कारखाने बंद हो चुके थे, दुकान-बाजार भी नहीं खुल रहे थे। ऊपर से कोरोना संक्रमण की दहशत। ऐसे विषम हालात में छोटे-छोटे बच्चों को कंधे पर बैठाए, बूढ़े मां-बाप को सहारा देकर पैदल या साइकिलों पर लेकर अपने घरों की तरफ लौटती भीड़ की पीड़ा संवेदनाओं कोे झकझोरने वाली थी।सम्मान के साथ रोजी-रोटी कमाने और बेहतर भविष्य का सपना संजोकर रोजगार की तलाश में अपने घरों से सैकड़ों मील दूर गए लोग अभाव, बेबसी और मायूसी में लौट रहे थे। घरों पर गए तो कोई काम नहीं मिला और कर्जदार होते चले गए। परिवार में विवाद बढ़ गए, अलगाव तक हो गए। पेट का सवाल था, इसलिए छह-सात माह घरों पर रहने के बाद वे फिर काम की तलाश में घरों से शहरों की तरफ निकल पड़े। सालभर बाद भी लाखों प्रवासी श्रमिकों की जिंदगी पटरी पर नहीं लौट पाई।

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