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कालाबाजारी में जब्त दवाओं व ऑक्सीजन सिलिंडर के उपयोग पर तत्काल निर्णय लें डीएम- इलाहाबाद हाईकोर्ट

By Nikhil Pal on May 8, 2021
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प्रयागराज– इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कालाबाजारी के आरोप में जब्त कर मालखाने में रखी जीवन रक्षक दवाओं रेमडेसिविर इंजेक्शन ऑक्सीजन सिलिंडर ऑक्सीमीटर को उपयोग में लाने पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को तत्काल निर्णय लेने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने प्रदेश के सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट को जमाखोरों से जब्त किए गए रेमड‌ेसिवर इंजेक्शन व अन्य जीवनरक्षक दवाएं जल्द रिलीज करने के लिए सम्बंधित मामलों का तीन दिन में निस्तारण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि सकुर्लर जारी कर सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश ‌दें कि जब्त की गई दवाएं रिलीज कराने के लिए 24 घंटे में संबंधित मजिस्ट्रेट से संपर्क करें।

जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने राज्य व केंद्र सरकार से कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन में देरी नहीं हो, इसके लिए टेंडर प्रक्रिया के बजाय सरकार ग्लोबल मार्केट में सीधे बात कर वैक्सीनेशन अभियान जल्द पूरा करे। ताकि हर व्यक्ति को सुरक्षित किया जा सके। कोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्र एवं कस्बे में पेंडेमिक के खिलाफ सरकार की अगली तिथि पर कार्य योजना पेश करने का निर्देश दिया। याचिका की अगली सुनवाई 11 मई को होगी।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना कर्फ्यू से संक्रमितों में कमी लाने के प्रयास को भी सराहा और कहा कि अभी तीसरी वेब का खतरा है ढिलाई न बरती जाए। पंचायत चुनाव मतगणना के दौरान कोरोना गाइडलाइंस के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग को इसके लिए समय दिया गया है।याचिका की सुनवाई के दौरान ऑनलाइन पेश हुए लखनऊ के जिलाधिकारी ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। सन हास्पिटल ने दुर्भावना से माहौल को पैनिक किया। दूसरे समर्थ हास्पिटल को कोरोना मरीज भर्ती करने का अधिकार नहीं है। दोनों पर कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने डीएम की सराहना की और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने पर मेरठ के डीएम को फटकार लगाई।

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