Responsive Menu
Add more content here...
February 8, 2025
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • पूर्वांचल न्यूज
  • महंत अवेद्यनाथ (जन्मदिवस) : राजयोग में हठयोग के सच्चे पोषक व सामाजिक समरसता के प्रतीक संत

महंत अवेद्यनाथ (जन्मदिवस) : राजयोग में हठयोग के सच्चे पोषक व सामाजिक समरसता के प्रतीक संत

By Shakti Prakash Shrivastva on May 28, 2021
0 320 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

आज एक ऐसे संत की जन्मतिथि है जिसने आजीवन देश की प्रतिष्ठित संत परंपरा का ईमानदारी से न केवल स्वयं पालन किया बल्कि अन्य संतों को भी इसके लिए आजीवन प्रेरित करते रहे। ऐसे पूजनीय महासंत का नाम महंत अवेद्यनाथ है। इनका मानना था कि दीक्षा लेने के बाद संत का पिछले जीवन से नाता टूट जाता है। हालांकि शिष्य परंपरा के अनुयायी आज के दिन उनके जैविक जन्मतिथि को आस्थापूर्वक मनाते हैं।

अपने पूरे जीवन में उन्होने अपने कार्य व्यवहार में सामाजिक समरसता को सर्वाधिक मान्यता दी। पटना रेलवे स्टेशन के सामने स्थित हनुमान मंदिर में दलित होने के नाते जिस पुजारी को हटाया गया था उसे पुनः पुजारी के रूप में स्थापित कराना हो या सन 1994 में तमाम संतों के साथ बनारस के डोमराज के यहाँ भोजन करना, ये ऐसे उद्धरण हैं जो इन्हे राष्ट्र संत के रूप में स्थापित करते हैं। योग और दर्शन के मर्मज्ञ महंत जी के प्रवचन के मूल में हिन्दू और हिन्दू समाज की एकता हुआ करती थी। वो सदैव इस संदर्भ में रामचरित मानस और इतिहास का उदाहरण दिया करते थे। निषादराज, शबरी और जटायु प्रसंग को बहुत प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करते थे। अपने इन्ही चुनिन्दा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राजनीति में आए। नाथ संप्रदाय के प्रतिष्ठित पीठ ‘गोरक्ष पीठ’ के पीठाधीश्वर रहते हुए चार बार देश की संसद में गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान राजयोग में अपने हठयोग को यथोचित विस्तार दिया। सामाजिक समरसता वाले अपने सहभोज कार्यक्रमों को निरंतर आयोजित करते रहे। इस क्रम में अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के मार्ग प्रशस्ती के हर संभव जमीन तैयार करने में अपना अवदान दिया। ऐसे सिद्ध और पुरुषार्थी संत को आज विशिष्ट दिवस पर याद करते हुए नमन।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *