Responsive Menu
Add more content here...
January 14, 2025
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • पूर्वांचल न्यूज
  • कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले : होने जा रही है पुरानी पेंशन योजना की बहाली!

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले : होने जा रही है पुरानी पेंशन योजना की बहाली!

By Shakti Prakash Shrivastva on December 11, 2022
0 203 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

केन्द्र और राज्य सरकारों के लाखों-लाख कर्मचारियों की तरफ से 2004 से ही की जा रही पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किए जाने की मांग अब नए साल में पूरी होने जा रही है। इसके लिए पूरी तरह माहौल बनता नजर आ रहा है। हाल में सम्पन्न हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सरीखी राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रचार के दौरान खुल कर यह ऐलान किया था कि हमारी सरकार बनने पर पुरानी पेंशन स्कीम को राज्य में लागू किया जाएगा। उन्हें इस बात का इत्मीनान था कि पेंशन संबंधी मांग सरकारी कर्मचारियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है लिहाजा यह उनके लिए ट्रम्प की तरह चुनाव में काम करेगा। गुजरात में नही लेकिन हिमाचल में कांग्रेस के लिए यह काम भी कर गया। सरकार बनाने के प्रति पूरी तरह आश्वस्त बीजेपी को वहाँ कांग्रेस पार्टी से शिकस्त मिली। आम आदमी पार्टी को भी इसका फायदा मिला। उसके लिए अपेक्षाकृत असरहीन राज्य गुजरात में भी सीटें जीतकर राज्य में पदार्पण करने का अवसर तो मिल ही गया। साथ ही दिल्ली नगर निगम के प्रतिष्ठापरक चुनाव में भी वह दशकों के भाजपाई साम्राज्य को अपदस्थ करने में सफल रही। इस तरह कर्मचारियों की पुराने पेंशन बहाली की मांगों पर अपने कानों को बंद करने वाली बीजेपी को भी हालिया चुनाव परिणामों ने पुनर्विचार करने को मजबूर कर दिया है। सूत्रों की माने तो वह दिन दूर नही जब बीजेपी पार्टी आलाकमान इस बाबत गंभीरता पूर्वक मनन करते हुए आने वाले साल में लाखों-लाख कर्मचारियों का समर्थन पाने के लिए उनकी मुरादें पूरी करने की घोषणा कर दे। क्योंकि उसे अब यह चिंता सताने लगी है कि राजस्थान, पंजाब, झारखंड और छत्तीसगढ़ में बहाली होने और पश्चिम बंगाल में पहले से बहाल इस स्कीम की वजह से कर्मचारियों का हौसला पहले की अपेक्षा और बढ़ गया है। संभव है कि ऐसी स्थिति में 2024 का प्रतिष्ठापरक लोकसभा चुनाव में उसे लेने के देने पड़ जाए। चूंकि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का कोई जोखिम नही उठाना चाहती है। लिहाजा बीजेपी हाइकमान इस चुनाव से पहले साल 2023 में ही लाखों-लाख केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों का समर्थन पाने के लिए नयी पेंशन योजना को स्थगित करते हुए पुरानी पेंशन योजना को उसके स्वरूप में आवश्यकतानुसार थोड़ा बहुत परिवर्तन करते हुए लागू कर सकती है। क्योंकि अब कर्मचारियों का यह भी विरोध सामने आने लगा है कि यदि इतने राज्यों में सरकारें लागू कर सकती है तो केंद्र सरकार क्यों नहीं लागू कर सकती है। यदि सरकार मानती है कि उसके सामने किसी तरह का आर्थिक संकट नही है तो फिर इसे योजना को लागू करने मे क्या दिक्कत है। दूसरे यदि नई पेंशन स्कीम बहुत लाभकारी है तो सरकार सांसद-विधायकों के लिए इसे क्यों नहीं लागू करती। यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो सरकार की पेशानी पर बल डालने के लिए काफी है। हालिया चुनाव परिणाम ने आग में घी डालने का काम किया है। इसलिए संभव है कि कई तरफ से घिरी केंद्र सरकार आगामी वर्ष में इसकी औपचारिक घोषणा कर दे। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार के सामने कमोबेश कृषि क़ानूनों की वापसी जैसे हालात पैदा हो गए है। ऐसा लगता है कि निर्णय भी उसी तरह ही अचानक होगा।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *