Responsive Menu
Add more content here...
December 9, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • अभी भी अखिलेश को चाचा शिवपाल पर नहीं है भरोसा !

अभी भी अखिलेश को चाचा शिवपाल पर नहीं है भरोसा !

By Shakti Prakash Shrivastva on January 2, 2023
0 183 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

हालिया राजनीतिक उपलब्धियों पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव उत्साह से लबरेज हैं। यही वजह है कि इन दिनों वो अपने राजनीतिक कदम बहुत फूँक-फूँक कर बढ़ा रहे हैं। अपनी पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए अखिलेश खासा सचेत हैं कि इस बाबत दुबारा ऐसी कोई गलती न हो । बेशक चाचा शिवपाल की घर वापसी हो गई है और चाचा शिवपाल ने भी यह एहसास करा दिया है कि इस बार वास्तविक घर वापसी हुई है। लेकिन इन सबके बावजूद अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के लिए जिस तरह की सियासी बिसात नए सिरे से बिछा रहे है उससे लगता है कि कही न कहीं अभी भी वो चाचा शिवपाल से खासा सचेत है। वो अपनी सियासी जमीन में चाचा शिवपाल सहित किसी भी रिश्तेदार के कंधे का इस्तेमाल नहीं चाहते हैं।

इसके लिए वो अपनी परंपरागत सियासी भूमि यानि यादव लैंड इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, औरैया, फर्रुखाबाद और कन्नौज पर फोकस कर रहे हैं। इस इलाके के हर युवा से वो अपना सीधा संबंध स्थापित करना चाहते हैं। अभी तक यह इलाका उनके पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की सियासी थाती रही है। माना जाता है कि उनके बाद यहाँ चाचा शिवपाल का दबदबा है लेकिन चाचा शिवपाल का प्रभाव बनाए रखने की बजाय अखिलेश यहाँ भी अपना सीधा वर्चस्व कायम करना चाह रहे हैं। इसी से लगता है अब अखिलेश चाचा शिवपाल के साथ भी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। मैनपुरी उपचुनाव में हुई डिम्पल की बम्पर जीत के बाद अखिलेश ने अपने सियासी रणनीति में बदलाव करते हुए अपने पिता के सियासी रास्ते पर चलने का निर्णय लिया है। इसके तहत ही उपचुनाव के दौरान सारे गीले-शिकवा भुलाते हुए जहां चाचा शिवपाल को साथ लाए बल्कि उपचुनाव से दूर रहने की अपनी नीति को भी बदल दिया। घर-घर जाकर चुनाव प्रचार किया नतीजतन परिवार के लिए प्रतिष्ठापरक यह सीट बचाने में कामयाब रहे। उपचुनाव के बाद भी अखिलेश यादव इस इलाके में लगातार सक्रिय हैं। वह विधानसभा क्षेत्रवार लोगों से मिल रहे हैं। अभी तक इस इलाके के ज्यादातर लोगों की पहुंच परिवार के अन्य सदस्यों तक थी। पर अखिलेश यादव अब सभी को खुद से जोड़ने के अभियान में लग गए हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि अखिलेश अपने सियासी कॅरियर में पहली बार इतना लंबा वक्त यादवलैंड में दे रहे हैं। इसके सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। अपनी नयी रणनीति के तहत अखिलेश यादवलैंड में अपने लिए कोई गैप नहीं छोड़ना चाहते हैं। इलाके में पुरानी पीढ़ी के कमजोर होते प्रभाव के बीच अखिलेश नयी पीढ़ी पर अपना प्रभाव बना लेना चाहते हैं। यादवलैंड के इन इलाकों में यादव मतदाताओं की खासी संख्या भी है। जैसे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में करीब साढ़े चार लाख, फिरोजाबाद में चार लाख, इटावा में दो लाख, फर्रुखाबाद में 1.80 लाख और कन्नौज में लगभग सवा दो लाख यादव मतदाता हैं। अखिलेश इस क्षेत्र को पूरी तरह अपने प्रभाव में करना चाहते है। इसके लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश का यह कदम भविष्य में कितना कारगर साबित होता है।

 

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *