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CBSE बोर्ड की तरह अब भारतीय शिक्षा बोर्ड, MHRD ने दी मंजूरी, कमान बाबा रामदेव को

By Shakti Prakash Shrivastva on August 7, 2022
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पूर्वाञ्चलनामा, नई दिल्ली।  CBSE की ही तरह देश में एक नया शिक्षा बोर्ड गठित होने जा रहा है। ऐसे में जबकि देश अपनी आजादी के 75 वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। केंद्र सरकार ने देशवासियों को तोहफा देते हुए गुरुकुल पद्धति को मान्यता देने वाले एक नए बोर्ड के गठन की मंजूरी दी है। इस बाबत भारतीय शिक्षा के प्राचीनतम गुरुकुल पद्धति को मान्यता दिलाने के पक्षधर संत और भारतीय शिक्षण मंडल के लंबित अनुरोध पर विचार करते हुए MHRD (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) ने आखिरकार 5 अगस्त,2022 को अपनी मंजूरी दे दी है। भारतीय शिक्षा बोर्ड नाम से गठित होने वाले इस बोर्ड के संचालन का जिम्मा योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ को दिया गया है। गठित बोर्ड में योगगुरु बाबा रामदेव समेत प्रतिष्ठित संत मोरारी बापू, भारतीय शिक्षण मण्डल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर, गोविंद देव गिरी, योगाचार्य बालकृष्ण, महावीर अग्रवाल, स्वामी मुक्तानंद ,पद्मश्री डा.पूनम सूरी, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के रिटायर्ड न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय, रिटायर्ड IAS डा. नागेंद्र प्रसाद सिंह शामिल है। इसके अलावा 20 सदस्यीय एक्जीक्यूटिव बोर्ड भी बनाया गया है। इस नए बोर्ड के गठन से देश में लगभग ग्यारह हजार से अधिक की संख्या में चल रहे गुरुकुल पद्धति के विद्यालय प्रबंधन को राहत मिली है। इन प्रबंधनों की समस्या ये थी कि इनके यहाँ शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की शैक्षिक योग्यता की अधिकृत मान्यता नहीं थी। यही तय नही था कि उनकी मान्यता को किस मानक की कसौटी पर कैसे माना जाए। भारत सरकार की तरफ से बोर्ड गठन संबंधी अधिकृत आदेश 5 अगस्त,2022 को जारी किया गया। गठन संबंधी सूचना मिलते ही देश के समस्त गुरुकुल पद्धति से संचालित होने वाले विद्यालयों में खुशियां मनाई गयीं। भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा 2018 मे एक विराट गुरुकुल सम्मेलन का आयोजन मध्य प्रदेश के उज्जैन में किया गया था। इस सम्मेलन में देश के हजारों-हजार की संख्या में चल रहे गुरुकुल विद्यालयों के प्रतिनिधियों के अलावा लगभग 6 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। भारतीय शिक्षा बोर्ड गठन संबंधी प्रस्ताव इसी सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को सौंपा था। लगभग चार साल के बाद आखिरकार सरकार ने बोर्ड गठन संबंधी मांग को मानते हुए बोर्ड गठन की औपचारिक आदेश पारित कर दिया। बोर्ड गठित होने से गुरुकुल शिक्षा पद्धति से पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की CBSC बोर्ड के समकक्ष मान्यता मिलेगी। देश में शैक्षिक स्वदेशीकरण के क्रम में CBSE की तरह एक राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड स्थापित करने का पहले पहल विचार योगगुरु बाबा  रामदेव ने सरकार के सामने रखा था। 2015 में हरिद्वार स्थित वैदिक शिक्षा अनुसंधान संस्थान (VRI) के माध्यम से दिए गए प्रस्ताव में दयानंद की पुरातन शिक्षा और आधुनिक शिक्षा का मिश्रण करके भारतीय शिक्षा बोर्ड किये जाने की मांग की गई थी। लेकिन सरकार ने 2016 में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

 

 

 

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