Responsive Menu
Add more content here...
February 7, 2025
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • लाइफस्टाइल
  • हेल्थ
  • लापरवाही : मौत के बाद हुआ डाक्टर का ट्रांसफर, काश सचिवालय-निदेशालय में भी चलता योगी ‘बुलडोजर’

लापरवाही : मौत के बाद हुआ डाक्टर का ट्रांसफर, काश सचिवालय-निदेशालय में भी चलता योगी ‘बुलडोजर’

By Shakti Prakash Shrivastva on July 3, 2022
0 228 Views

पूर्वाञ्चलनामा डेस्क / लखनऊ

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे होते-होते कम से कम अपराधियों पर ठीक-ठाक नकेल कसी जा चुकी है। मुख्तार अंसारी-अतीक अहमद समेत  जिले-जिले में लिस्टेड हिस्ट्रीशीटरों पर और उनके साम्राज्य पर योगी का बुलडोजर लगातार गरज रहा है। इससे अपराधियों का मनोबल टूटा है। आम नागरिकों तक को इस बात का एहसास होने लगा है। लेकिन प्रदेश में खासकर सरकारी मशीनरी के केंद्र सचिवालय और विभागों के निदेशालयों में तैनात कर्मचारियों-अधिकारियों पर दूर-दूर तक योगी के बुलडोजरी खौफ अभी भी नही दिख रहा है। उनकी भ्रष्टाचारी कार्यशैली में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। ये अभी भी अपने पुराने भ्रष्टाचारी रवैये से ही कदमताल कर रहे हैं। इसकी बानगी है बीते दिनों डाक्टर्स डे के दिन स्वास्थ्य निदेशालय से हुआ एक ऐसा ट्रांसफर आदेश जिसमें ट्रांसफर हुए डाक्टर की मौत हो चुकी है। तेरहवीं भी बीत चुकी है लेकिन विभागीय पत्रावली में वो जीवित है और उन्हें चित्रकूट से मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय, प्रयागराज में सर्जन पद पर तैनाती दे दी गई है। डाक्टर का नाम डॉ. दीपेंद्र सिंह (दिवंगत) है जिनकी तैनाती चित्रकूट में थी। पिछले छः वर्षों से घर-परिवार से दूर रहने की वजह से खानपान में हुई लापरवाही के चलते डॉ सिंह का लीवर संक्रमित हो गया था। बीमारी के इस आधार पर ट्रांसफर कराने के लिए डॉ सिंह ने निदेशालय सहित स्वास्थ्य भवन के सैकड़ों चक्कर लगाया था। निदेशालय में उनकी पत्रावली देखी जाए तो पता चल जाएगा कि इस बाबत कम से कम दो दर्जन पत्र व्यवहार मिल जाएंगे। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के स्थानीय इकाई ने भी इस बाबत प्रयास किया था लेकिन ट्रांसफर नहीं हो सका। हुआ भी तो तब जब उनकी मौत के बाद तेरहवीं क्रिया भी सम्पन्न हो चुका था। इस घोर लापरवाही से आक्रोशित संघ ने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को पत्र भेजा है। पत्र में ऐसे ट्रांसफर आदेश से विभाग की छवि धूमिल होने का जिक्र करते हुए लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। अफरातफरी के बीच में शासन ने ट्रांसफर के संबंध में आदेश को निरस्त करते हुए शुद्धिपत्र जारी कर दिया है। सर्जन रहे डॉ. दीपेंद्र सिंह की तेरहवीं के एक दिन बाद डॉक्टर्स डे पर जारी किए गए इस ट्रांसफर आदेश को प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की जिला इकाई ने घोर लापरवाही और उदासीनता का परिचायक मानते हुए अपर मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में मरणोपरांत जारी गए आदेश की संघ की ओर से निंदा की है। साथ ही इस घटनाक्रम की जांच कराते हुए उनके समस्त देयों के तत्काल भुगतान के लिए शासन से आग्रह भी किया है। मांग ये भी की गई है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को दंडित किया जाए। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को भेजे पत्र में डॉ. दीपेंद्र की पत्नी डॉ आभा सिंह (निजी अस्पताल में बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ) को राजकीय महिला चिकित्सालय (डफरिन) में संविदा पर तैनाती देने के लिए भी आवाज उठाई है। इस संबंध में हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार ने मांग की है कि राज्य में जिस तरह अपराधियों के खिलाफ योगी का बुलडोजर क्रियाशील है उसी तरह इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो। इनके भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्तियों की जांच कराकर उन्हे भी बुलडोजर से जमींदोज किया जाए। तब जाकर भयवश इनमें सुधार होगा।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *