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June 16, 2025
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लौहपुरुष की पोती लगायेंगी ‘कैंसर’ पर लगाम

By Shakti Prakash Shrivastva on July 30, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                       मनुष्य को समय से पहले मौत के मुंह तक ले जाने वाली घातक बीमारियों में कैंसर का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है। क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी समय से पहचान ही सबसे बड़ा इलाज है जो आज भी बहुत आसान नही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब शरीर में कुछ सेल अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं तो इसे कैंसर की शुरुआत माना जाता है। अनियंत्रित रूप से बढ़ रही यह कोशिकाएं इतनी शक्तिशाली होती हैं कि यह शरीर के सामान्य उत्तकों में घुसपैठ करके उन्हें भी नष्ट कर देती हैं। कैंसर की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों में दूसरा सबसे बड़ा कारण यही है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। विज्ञान में नित हो रहे आविष्कारों और तकनीकी विकास ने इस पर काफी हद तक अंकुश लगा दिया है। अब आज कई प्रकार के कैंसर में मरीजों के ठीक होने और बचने केी दर तेजी से बढ़ रही है। कैंसर के इलाज में सबसे अहम भूमिका होती है बिमारी के स्टेज की पहचान की। यदि शुरुआती स्टेज में कैंसर की पहचान हो जाए तो गारंटीशुदा इलाज है लेकिन अगर यही पहचान देर से यानि तीसरे चौथे चरण में हो तो इलाज में प्रभावी परिणाम पाना मुश्किल होता है। लेकिन विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय आविष्कारों ने अब इस स्थिति पर भी नियंत्रण पाना शुरू कर दिया है।

अब भारत में ही ऐसी तकनीकी विकसित हो रही है जिससे न केवल इस बिमारी कैंसर का समय से पहचान करना आसान होगा बल्कि उसके इलाज में भी कारगर और सकारात्मक परिणाम मिल सकेगा। ऐसा संभव होने जा रहा है देश के पहले गृहमंत्री लौहपुरुष कहे जाने वाले सरदार बल्लभभाई पटेल के भाई बिट्टलभाई पटेल की पोती डॉ गीता पटेल के प्रयासों से। देश की संस्कारी परंपरा के अनुसार यह कह सकते है कि इतिहास अपने को दुहराने जा रहा है। एक पूर्वज ने देश के लिए ऐसा काम किया जिससे देश आज उन्हे लौहपुरुष के नाम से जानता-पहचानता है। उन्ही की वंशज यानि डॉ पटेल आज फिर ऐसा ही काम कर रही है जिससे देश-समाज को उन पर नाज है। बहरहाल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की नई तकनीक से अब जल्दी पहचान होगी। इसके साथ ही कैंसर की दवा का भी भारत में पहली बार निर्माण होगा। इसके लिए डॉ. गीता पटेल की कारपे डीम ई कंपनी सामने आई है। डॉ पटेल ने पिछले साल यूपी सरकार से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एम ओ यू  पर हस्ताक्षर किया था। यह कंपनी अगले दो साल में यूपी में कैंसर की सस्ती दवाओं का निर्माण करना शुरू कर देगी। डॉ. गीता पटेल की मुताबिक कारपे डीम ई नाम की उनकी कंपनी अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में कैंसर की दवा बनाती है। कैंसर की दवाओं का इन देशों का इनके पास पेटेंट है। इसलिए यह दवाएं दूसरे देशों में महंगी बिकती हैं। भारत में कैंसर की सस्ती दवाओं के निर्माण के लिए ही इनकी कंपनी द्वारा रिसर्च किया जा रहा है।

डॉ पटेल की माने तो आने वाले दो सालों में कैंसर से इलाज की दवाई विकसित हो जाएगी और उसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा। कंपनी ने हाल ही में यूपी के इन्वेस्टर समिट में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ करार किया था। अब ये प्रोजेक्ट धीरे धीरे धरातल पर उतरना शुरू हो रहा है।  कैंसर को पहचान करके इलाज करने की इस तकनीक में सबसे बड़ा फायदा ये भी है। विशेष तकनीक से न सिर्फ कैंसर को पहचान करने में आसानी होगी बल्कि कैंसर के इलाज में देश एक नया कीर्तिमान भी रचेगा। कैंसर के इलाज के दौरान होने वाले कुप्रभाव से भी लोगों को निजात मिलेगी और इलाज के दौरान लोगों के शरीर में कम से कम परेशानी होगी। डॉ पटेल की मुताबिक देश में आकर काम करना उनके लिए गर्व की बात है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी इन्वेस्टर समिट की टीम की डॉ.पटेल जमकर तारीफ करती हैं। उनकी मुताबिक उनके प्रयास को जमीन पर उतारने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व वाली जनसरोकारी सरकार का बड़ा योगदान है।

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