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शाह से मिलने के बाद भी विरोध करेंगे राजा भैया !

By Shakti Prakash Shrivastva on May 22, 2024
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                                                                                         शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

देश में चल रहे लोकसभा के चुनाव के पाँच चरण सम्पन्न हो चुके हैं। मात्र दो चरण शेष है। उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अगर बात करें तो यहाँ पूर्वाञ्चल की सीटों के लिए चुनाव इन बाकी बचे चरणों में होने है। इनमे ही बीजेपी के अधिकांश सहयोगी दलों के प्रभाव वाली सीटें है। मसलन शुरुआती सहयोगी और केंद्र सरकार में हिस्सेदार अपना दल सोनेलाल, राज्य सरकार में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और  निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल जैसे दलों की सीटें हैं। इसमें बीजेपी हाइकमान की मंशा है कि इस क्षेत्र में किसी तरह का कोई विरोध न हो और अगर हो तो उसे अविलंब सुलझा लिया जाए। इसी क्रम में पहलवानों संग विवाद में रहे कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे कारण भूषण शरण सिंह को टिकट देकर बीजेपी ने सीधी टकराहट कम कर दी। उसी तरह जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को रातोंरात अपने पक्ष में करते हुए पार्टी ने उनके जिला पंचायत अध्यक्ष पत्नी श्रीकला का बीएसपी से टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने से अलग कराने में पार्टी सफल रही। श्रीकला ने चुनाव से अलग रहने का निर्णय लिया और धनंजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिया। साथ ही चुनाव में अपने समर्थकों को बीजेपी का समर्थन करने की अपील भी कर दी।  बीजेपी ने इसी क्रम में प्रतापगढ़ के चर्चित दबंग और जनसत्ता दल के सुप्रीमो रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के लिए भी प्रयास किया। इनको साधने के क्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने राजा भैया से दिल्ली में मुलाकात की। सियासी गलियारे में चर्चा होने लगी कि धनंजय सिंह की तरह ही राजा भैया भी न केवल स्वयं समर्थन देंगे बल्कि अपने कार्यकर्ताओं-नेताओं को धनंजय सिंह की तरह बैठक बुलाकर उन्हे बीजेपी का समर्थन करने की अपील करेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि अपना दल सोनेलाल की सुप्रीमो और बीजेपी सरकार में केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की कही एक बात से राजा भैया नाराज हो गए। नाराज तो इतना हो गए कि उनके कार्यकर्ताओं ने अनुप्रिया पटेल यानि अपना दल का हर संभव विरोध करने की ठान ली है। हुआ ये कि अनुप्रिया पटेल प्रतापगढ़ में चुनाव प्रचार में आई हुई थी। प्रचार के दौरान अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया पर निशाना साधते हुए कहा था कि राजा-रानी के पेट से नहीं, बल्कि ईवीएम से पैदा होते हैं। यह बयान खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद राजा भईया के समर्थक और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता खुलकर अनुप्रिया का विरोध करने लगे। नाराज कार्यकर्ताओं ने बाकायदा बैठक करके बयान को कुंठा से प्रेरित बताकर अनुप्रिया के बगावत का ऐलान किया है। राजा भैया की टीम के मिर्जापुर आने की चर्चाएं हैं और अनुप्रिया पटेल के खिलाफ प्रचार-प्रसार भी करेगी।

अब बेशक राजा भैया की तनातनी अनुप्रिया पटेल से हुई हो लेकिन इसका खामियाजा तो बीजेपी को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि सहयोगी दलों की जीत के बगैर बीजेपी का अबकी बार 400 पार का नारा फलीभूत नहीं हो सकेगा। जनसत्ता दल के जिलाध्यक्ष अनुज उमर के वायरल हो रहे बयान पर यकीन करें तो उनके मुताबिक अपना दल सुप्रीमो अनुप्रिया पटेल जनता का विश्वास खो चुकी है। उनका जगह-जगह विरोध हो रहा है। इसलिए तनाव के चलते अनाप-शनाप बोल रही है। राजा भैया पर उनकी टिप्पणी उनकी हताशा को दर्शाता है। जनसता दल इस चुनाव में उनको करारा जवाब देगी। उनकी मुताबिक दल के कार्यकर्ता मिर्जापुर जाएंगे और अनुप्रिया पटेल का हर संभव विरोध करेंगे। दल का प्रयास है कि उनके अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी मिर्जापुर आयें। स्थितियाँ जो बन रही है उससे  लगता है कि राजा भैया मिर्जापुर जाएंगे। ऐसे में राजा भैया का क्षत्रियों के अलावा जो प्रभाव है उसका असर मिर्जापुर में अवश्य पड़ेगा। इसका नुकसान प्रत्यक्ष तौर पर भले ही अनुप्रिया पटेल पर पड़े लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर इसका प्रभाव बीजेपी पर पड़ेगा।

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