Responsive Menu
Add more content here...
December 9, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

सरकार की तैयारी में संघ का एमएमवाई ?

By Shakti Prakash Shrivastva on September 28, 2023
0 147 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                              भारतीय जनता पार्टी एक राजनीतिक संगठन है जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक गैर राजनीतिक संगठन है। लेकिन संघ भले ही एक गैर राजनीतिक संगठन है लेकिन अतीत साक्षी है कि हर चुनाव में उसकी भूमिका काफी अहम होती रही है खासकर बीजेपी को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने में। बीजेपी की जितनी भी सरकारें बनी है उन सभी में संघ की भूमिका को भुलाया नही जा सकता है। एक बार फिर जब देश में लोकसभा चुनाव होना है संघ सक्रिय हो गया है। हालिया चुनावों के नतीजों के मद्देनजर संघ ने अपनी रणनीति में इस बार बदलाव किया है। संघ इसके लिए इस बार एक नया फार्मूला प्रयोग करने जा रहा है। एमएमवाई नाम के इस फार्मूले को बकायदे सामाजिक समीकरणों के लिहाज से तैयार किया गया है। इसमें एमएम और वाई का अर्थ महिलाओं, मुस्लिम और यूथ यानि युवा से है। संघ प्रमुख मोहन भागवत का चार दिवसीय लखनऊ दौरे का मुख्य एजेंडा भी लोकसभा चुनाव के बाबत निर्धारित इन्ही रणनीतियों पर केन्द्रित रहा।

चूंकि उत्तर प्रदेश देश का इकलौता ऐसा प्रदेश है जहां से सर्वाधिक अस्सी लोकसभा सीटें हैं। इसलिए पार्टी सहित संघ के केंद्र में भी यही है। इसके चलते पार्टी और संघ ने यहाँ की आधी-आधी सीटों के लिए अलग रणनीति तैयार की है। यहाँ यह तय हो गया है कि लोकसभा चुनाव में इस बार संघ का मुख्य ध्यान महिलाओं, मुसलमान और नौजवानों पर ही केन्द्रित होगा। जबकि बीजेपी का फोकस दलित, पिछड़ा और किसानों पर होगा। पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा पारित महिलाओं से संबन्धित आरक्षण बिल नारी शक्ति वंदन विधेयक और उसकी मौजूदा प्रासंगिकता को देखते हुए संघ ने भी महिलाओं को तवज्जो देने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में संघ के उच्च पदों पर भी महिलाएं दिखेंगी। ऐसा पहली बार होगा जब महिलाओं को संघ के किसी उच्च पद पर आसीन किया जाएगा। इस सिलसिले में संघ की तरफ से योजना बनाने के साथ-साथ यह तय कर लिया गया है कि संघ के सभी सहयोगी संगठनों द्वारा गांव-गांव तक पहुंचकर वहाँ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना सुनिश्चित किया जाएगा।

महिलाओं के लिए ही नहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मुस्लिम भी हमारे संघ के लिए कोई पराया नहीं बल्कि हमारे और उनके बीच में बस उनकी पूजा पद्धति का फर्क है। यह देश उनका भी है। हम भी यहीं रहेंगे और वह भी यहीं रहेंगे। जो हमारा विरोध करते हैं, वे भी हमारे हैं। विरोध से हमारा नुक़सान न हो हमें इसकी चिंता करनी चाहिए। संघ अब अपने विरोधियों की भी सूची तैयार कर रहा है। सूची के अनुसार कार्यक्रम बनाकर उनसे संपर्क साधने का काम किया जाएगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस मंशा से यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर संघ की रणनीति भी सबका साथ और सबका विकास की ही होगी। देश में पिछले दिनों हुए कुछ उपचुनावों के नतीजों को देखते हुए संघ आगामी लोकसभा चुनाव में सिर्फ महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर ही फोकस नहीं करेगा। बल्कि नौजवानों को भी अपने केंद्र बिंदू में रखकर ही योजना बनाएगा। चाहे संघ प्रमुख मोहन भागवत का पूर्वी यूपी का दौरा हो या फिर अवध क्षेत्र का संघ प्रमुख ने हर जगह यह साफ कर दिया कि संघ का विस्तार इन्ही बिंदुयों को सामने रख कर करना होगा। संघ अब नौजवानों को अपने साथ जोड़ने और उन्हें संघ की अहम भूमिका बताने का भी काम करेगा। इसके अलावा संघ समाज के प्रबुद्ध वर्ग के सभी लोगों को भी साथ लाने का इच्छुक है। प्रबुद्ध लोगों खासकर चिकित्सक, शिक्षक, सेना अधिकारी, अधिवक्ता, स्वतंत्रता सेनानियों से संपर्क करने के लिए संघ की तरफ से अभियान चलाया जाएगा। जिसमें वो लोग भी शामिल होंगे, जो संघ का विरोध करते हैं। सपा, बसपा या कांग्रेस की विचारधारा के विरोधी लोगों को भी संघ साथ ले कर चलेगा। संघ ने अपने इस चुनावी मुहिम में बीजेपी के लिए भी रणनीति तैयार कर दी है। इस क्रम में बीजेपी के साथ दो महत्वपूर्ण बैठकें भी हो चुकी हैं। पहली बैठक सरसंघचालक अरुण कुमार और दूसरी बैठक संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ हुई है। इन बैठकों में चुनाव के मद्देनजर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों पर चर्चा हुई। संघ जहां महिलाओं, मुसलमानों और युवाओं पर फोकस करेगा वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पिछड़ों, दलितों और किसानों पर ध्यान केन्द्रित रखेगी।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *