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UP में मनचले बेलगाम… ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ को दे रहे चुनौती

By Shakti Prakash Shrivastva on December 19, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव की आवाज में रिपोर्ट सुनने के लिए आडियो बटन पर क्लिक करें।

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

       जिस राज्य में योगी आदित्यनाथ जैसे सख्त शासक की सरकार है। मनचलों की चाल नियंत्रित रहे इसके लिए एंटी रोमियो स्क्वाड है। जहां मुख्तार और अतीक सरीखे सूबे को दहलाने वाले माफिया सलाखों के पीछे है और उनके आर्थिक साम्राज्य पर बुलडोजर चल रहा है। ऐसे में सूबे के कुछ इलाकों में छुटभैये टाइप मनचलों-मनबढ़ों के डर से छात्राओं को पढ़ाई छोड़ घरों में कैद रहने को मजबूर होना पड रहा है। आखिर क्यूँ? ऐसे में तो ये लग रहा है कि माफियाओं-बदमाशों में भले ही योगी आदित्यनाथ के तेवर का खौफ है लेकिन थानों की पुलिस, थानेदार समेत जिलों के आला पुलिस अधिकारी पूरी तरह से बेखौफ है। क्योंकि सिर्फ इनमें खौफ होता तो मजाल क्या कि गली-मुहल्ले के छुटभैये ऐसा करने का दुस्साहस कर पाते। इससे तो राजनीतिक विपक्षियों के उन आरोपों में भी दम नजर आता है जिसमें उनका सरकार पर आरोप है कि पुलिस में पहले की अपेक्षा भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ गया है। क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता तो जिस राज्य में डबल इंजन की बीजेपी सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को प्राथमिकता पर रखते हुए इस पर करोड़ों-करोड़ रुपया खर्च कर रही है उसी राज्य की जमीनी सच्चाई ये है इलाके का निठल्ला मतलब कोई नामचीन बदमाश भी नहीं वो सरकार की इस प्राथमिकता को चुनौती देते हुए न केवल बेटियों को पढ़ने से रोक रहा है बल्कि उसे अगवा करने तक का दुस्साहस कर रहा है। यानि असुरक्षित साबित करने की कोशिश कर रहा है।

इसे समझने के लिए राज्य की महज दो घटनाओं को समझना होगा। पहली घटना राज्य के मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर के  झंगहा थाना क्षेत्र की है। इलाके के रानापार डिग्री कालेज मे बीए प्रथम वर्ष की छात्रा को जंगल रूसलपुर नंबर दो नेकवार निवासी शेषनाथ पासवान नाम का युवक लगातार दो महीने से रास्ते में परेशान करता था। एक दिन जब उसने जबरदस्ती रास्ता रोकने की कोशिश की तो छात्रा ने डर के मारे कालेज जाना छोड़ दिया। इस पर परिजनों ने जब कारण जाना तो आरोपी को समझाने की कोशिश की लेकिन उसके न समझने पर बीते शुक्रवार को उसके खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा झंगहा थाने में दर्ज करा दिया। थानेदार जी॰आर॰कन्नौजिया की मुताबिक  मामले में लड़की का बयान समेत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।

दूसरा मामला पीतलनगरी मुरादाबाद की है जहां पाकबड़ा थाना क्षेत्र में मनचले से परेशान छठे क्लास की छात्रा ने बीस दिन से स्कूल जाना छोड़ दिया है। पीतल फर्म में काम करने वाले मजदूर की कक्षा 6 में पढ़ने वाली बेटी को इलाके का एक मनचला पिछले कुछ महीने से परेशान कर रहा था। कुछ दिन पहले जब घर के पास से उसे अगवा करने की कोशिश की गई तब लड़की ने मामला घर में बताया। परिजनों ने आरोपी के परिजनों से बात की। इस पर उल्टा उसके परिजन लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो गए। स्थिति की नजाकत को देखते हुए असहाय माता-पिता ने लड़की को पिछले बीस दिनों से घर से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। रविवार को पाकबड़ा पुलिस ने मिले शिकायत के आधार पर अभियोग पंजीकृत कर तफतीश शुरू कर दिया है। थाना प्रभारी एम॰चौधरी की मुताबिक आरोपी कक्षा 7 में पढ़ने वाला नाबालिग है। जुवेनाइल कोर्ट में प्रस्तुति संबंधी कार्रवाई की जा रही है।  इन मामलों में काबिले गौर बात ये है कि दोनों ही थानों पर काबिल अधिकारी काबिज है। मामलों में संभव है पीड़ित को अपेक्षित न्याय भी मिल जाये लेकिन उससे बड़ा प्रश्न ये है वो पुलिसिया इकबाल कैसे कायम किया जाए जिसमें कभी माताएँ छोटे बच्चों को वर्दीधारी पुलिस वालों को दिखा कर डराती थी और बच्चा डरता भी था। अगर ऐसा होता तो शायद मुरादाबाद वाली वारदात तो नही ही होती। इसके लिए सरकार को कुछ और कदम उठाने ही होंगे वरना समाज में निचले स्तर का आमसमाज ऐसे वारदातों से दो-चार होता ही रहेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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