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March 21, 2025
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अखिलेश के पीडीए की काट खोजेगा संघ!

By Shakti Prakash Shrivastva on July 4, 2024
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                                                                                 शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

18 वीं लोकसभा के गठन में खासकर उत्तर प्रदेश के परिणाम के संदर्भ में बात करें तो विपक्षी दलों की सीटों में हुए अनापेक्षित इजाफा में बहुत बड़ी भूमिका पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मतों की रही है। इसमें भी अहम भूमिका सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मानी जा सकती है। क्योंकि अखिलेश ने ही चुनाव से पहले पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के मतों को सहेजने के लिए पीड़ीए शब्द का सियासी फार्मूला तैयार किया था। यहाँ तक की अखिलेश यादव ने अपने पार्टी के प्रत्याशियों के चयन में भी इसे आधार बनाया। कुछ एक जगहों पर तो प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद भी इस फार्मूले के तहत समीकरण न होने पर दो-दो, तीन-तीन बार प्रत्याशी बदले गए। लेकिन परिणाम आने पर सुखद रहा क्योंकि बदले हुए प्रत्याशी की ही जीत हुई। लोकसभा के परिणाम मे विपक्ष के सीटों में हुए अप्रत्याशित इजाफा से सत्ताधारी पार्टी का चिंतित होना लाजिमी है। बीजेपी समेत समूचे एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों ने इस पर मनन करते हुए पीड़ीए की काट ढूँढना शुरू किया। मीडिया में आ रही खबरों का विश्लेषण किया जाए तो ऐसा लगता है कि बीजेपी के मूल में रहने वाली विचारधारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब यह जिम्मेदारी उठाने की तैयारी कर रहा है। वो ही अब अखिलेश के पीड़ीए की काट ढूंढेगा।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार की सुबह बनारस के सिगरा स्थित कार्यालय में लगी संघ की शाखा में हिस्सा लिया। संघ पदाधिकारियों से शाखा विस्तार को लेकर चर्चा की। उन्होंने अपने सम्बोधन में दलित-पिछड़ों को शाखा में अधिक से अधिक जोड़ने को कहा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा विस्तार के साथ ही इस समाज की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। अगले साल संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्व करने के उपलक्ष्य में शताब्दी वर्ष मनाने की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई। इसके बाद वह गाजीपुर में अब्दुल हमीद की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो गए। शताब्दी वर्ष के अलावा पूरे साल होने वाले संघ के कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता बढ़ाते हुए दलित-पिछड़ों के बीच पैठ बनाने को लेकर अभी और अधिक काम करने की जरूरत है।  संघ की शाखाओं का विस्तार और प्रचारकों की संख्या बढ़ाने को लेकर विशेष प्रयास की जरूरत है। दलित बस्तियों में सामाजिक समरसता के कार्यक्रम चलाने, उनकी समस्याओं के समाधान करने पर चर्चा की।

इससे पहले भी संघ की तरफ से सहभोज के कार्यक्रम किये जा चुके हैं।  अब उसी को और मजबूती से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि सपा के पीडीए समीकरण को ध्वस्त करने और हिंदुत्व को मजबूत करने की दिशा में संघ ने काम करना शुरू कर दिया है।

 

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