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April 24, 2025
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बीजेपी का सेफजोन बना पाँचवाँ चरण!

By Shakti Prakash Shrivastva on May 24, 2024
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                                                                                             शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

देश में लोकसभा का चुनाव सात चरणों में हो रहा है। इनमे से अभी पांच चरण के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। अब तक हुए चुनावों में सियासी दलों सहित आमजन में कयासबाजी का दौर चल रहा है। इस कयासबाजी में भी सियासी दलों की कयासबाजी रणनीति के तहत हो रही है जबकि आमजन द्वारा अनुभव और अतीत के रिकार्ड के आधार पर की जा रही है। सियासी दलों में खासकर आइएनडीआईए और एनडीए गठबंधनों के अपने-अपने  तर्क है। अपने-अपने हिसाब से दोनों ही बढ़त बनाए हुए है। लेकिन पिछले रिकार्ड के आधार पर अगर बात की जाए तो इस चरण में बीजेपी और उसका गठबंधन मजबूत रहा है। यही वजह है कि यह चरण बीजेपी के लिए सेफ जोन माना जाता रहा है।

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगियों ने केंद्र में सरकार बनाई। उसके बाद हुए दूसरे चुनाव 2019 में भी इनकी सरकार ने केंद्र में वापसी की। 2019 में एनडीए ने पांचवें चरण की 49 सीटों पर जिस तरह से बैटिंग की थी, वह उसको सत्ता की सीढ़ी तक ले गई और केंद्र में उसकी सरकार बनी।  जबकि 2014 में भी भारतीय जनता पार्टी ने अपने सियासी ग्राफ को इस चरण में मजबूती के साथ आगे बढ़ाया था। उसी तरह इस बार के लिए भी बीजेपी ने अपने तैयारी पूरी मजबूती से की थी।

2019 में सभी 49 में बीजेपी ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। जिनमे 32 पर उसे विजय मिली थी। 2014 के चुनाव में इतनी ही सीटों पर लड़कर बीजेपी ने 27 सीटें जीती थी। जबकि 2009 में उसे महज 6 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। ऐसे में आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पाँचवा चरण बीजेपी के लिए सुरक्षित रहा है।

पांचवें चरण की सभी 49 सीटों में से यूपी की जिन 14 सीटों पर सोमवार को मतदान हुआ है, उसमें पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 13 सीटें जीती थीं। जबकि बिहार की सभी 5 सीटें एनडीए के हिस्से में आई थीं। झारखंड की तीन लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में 2014 में सभी सीटें बीजेपी ने जीत ली थी। महाराष्ट्र की भी 13 सीटों में से सभी सीटें एनडीए के खाते में आई थीं। इसमें 6 सीटें भारतीय जनता पार्टी को और 7 सीटें शिवसेना ने जीती थीं। इसी तरह पश्चिम बंगाल की सात सीटों में से चार सीटें तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में आई। जबकि तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थीं। सियासी जानकारों की माने तो यही वो कारण है जिनकी वजह से भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार पांचवें चरण को अपने लिए मजबूत सुरक्षा कवच मानते हैं।

केंद्रीय चुनाव आयोग के आंकड़े भी इस बात की तसदीक करते हैं कि जिस तरीके बीजेपी ने अपनी मजबूत पकड़ पांचवें चरण की 49 सीटों पर बनाये रखी है उसी अनुपात में कांग्रेस पार्टी ने अपनी पकड़ कमजोर की है। 2009 में कांग्रेस ने इन 49 सीटों में से 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का ग्राफ बहुत तेजी से नीचे गिरा और वह महज दो सीटों पर सिमट गई। 2019 में तो कांग्रेस महज एक सीट पर रुक गई और भारतीय जनता पार्टी ने अपना पांचवें चरण की 49 सीटों में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया।

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