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यूपी में जश्न-ए-आज़ादी : यूपी के सीएम योगी बोले -जहां लोग आने से डरते थे वहाँ निवेश कर रहे हैं

By Shakti Prakash Shrivastva on August 15, 2021
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लखनऊ, (मुख्य संवाददाता)। जश्न-ए-आज़ादी का जश्न रविवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आजादी की 75वें स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर आज विधानसभा के मुख्य परिसर में ध्वजारोहण किया। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में 5वीं बार झण्डा फहराते हुए सीएम ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक समय था जब यूपी में अपराध के डर से प्रदेश में आने वाला डरता था। निवेशक तो यहाँ निवेश के लिए सोचते तक नहीं थे। आज स्थिति ये है कि देश ही नहीं देश से बाहरी दुनिया के निवेशक हमारी ओर देख रहे हैं।

प्रदेश में रोजगार की स्थिति का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि पहले सरकारी नौकरी में जातिवाद, क्षेत्रवाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला था। बिना घूस दिए किसी को नौकरी नहीं मिलती थी। आज पारदर्शी तरीके से हर किसी को नौकरी मिल रही है। पिछले 4 साल में 4.50 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। 40 लाख लोगों को रहने के लिए घर मिला है। सीएम ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि देश की स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष का हम सभी को साक्षी बनने का गौरव मिल रहा है। देश की स्वतंत्रता में उत्तर प्रदेश की सबसे अहम भूमिका रही है। 1947 में पराधीनता के खिलाफ एक लंबी लड़ाई के बाद देश अनगिनत बलिदानों के कारण स्वतंत्र हुआ था। उन्होंने कहा कि 1857 से शुरू हुई स्वाधीनता की उस सामूहिक लड़ाई के अवसर पर इस देश ने विदेशी हुकूमत को अपनी ताकत का एहसास कराया था। झांसी में रानी लक्ष्मी बाई के नेतृत्व में तो बलिया में मंगल पांडेय के नेतृत्व में। 1942 में ही बलिया ने स्वाधीनता देख ली थी। तब मेरठ ने भी जश्ने आजादी की तैयारी कर ली थी। तय कर लिया था कि कैसे दिल्ली में तिरंगा फहराना है। इस मौके पर प्रदेश के अन्य हिस्सो से भी गणमान्य मौजूद थे। दर्जन भर वहाँ मौजूद लोगों ने सीएम योगी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि प्रदेश में माहौल  बदला है। अपराधियों में भय है। उन्होने शनिवार को कानपुर क्षेत्र की तीन महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि ये महिलाएं रोजगार के लिए ओमान गयी थी। ओमान में आठ महीने से शेख के चंगुल में फंसी ये महिलाएं दलालों कि चंगुल से बचकर शनिवार को वापस आई हैं। उनकी मुताबिक दलालों ने महिलाओं को अच्छी नौकरी का झांसा देकर इंप्लॉयमेंट वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर ओमान भेज दिया था। इसके चलते महिलाएं वहां फंस गईं। इस दौरान उनको 8 महीने यातनाएं झेलनी पड़ी कि वह टूट गईं। एयरपोर्ट पर उतरते ही तीनों भावुक होकर फफक पड़ीं और अपनों को गले लगाकर खूब रोईं। बोलीं कि अब घर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी। भारत से अच्छा कहीं कुछ नहीं है। ओमान किसी काला पानी की सजा से कम नहीं था। उन्होने साफ तौर पर कहा कि अब यूपी पुराना वाला नहीं है। यहाँ से अच्छा कही नहीं है। अब हम कही नही जाएँगे यही रहेंगे। पुलिस से मिले सहयोग की उन्होने मुक्त कंठों से सराहना की। यह एक बानगी है जिसके आधार पर सीएम की बातों पर यकीन किया जा सकता है।

 

 

 

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