Responsive Menu
Add more content here...
October 8, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

‘विपक्ष’ कैसे बनेगा बीजेपी का विकल्प

By Shakti Prakash Shrivastva on February 24, 2023
0 366 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

2024 में देश की लोकसभा के लिए चुनाव होना है। सत्तासीन बीजेपी यानि भारतीय जनता पार्टी ने अभी से अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जबकि लगभग एक दशक से सत्ता से दूर रही प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को एहसास है कि अकेले दम पर वो बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाने की स्थिति में नहीं है। ऐसा करने के लिए उसे न केवल क्षेत्रीय दलों का समर्थन और विश्वास चाहिए बल्कि पार्टी के भीतर का अनुशासन भी चाहिए। जिसका फिलहाल अभाव दिख रहा है। जबकि जमीनी सच्चाई ये है कि क्षेत्रीय दलों में अधिकांश को कांग्रेस की सरपरस्ती भी मंजूर नहीं है। इस तरह कुछ ऐसे सियासी समीकरण है जिनकी वजह से विपक्ष बीजेपी का विकल्प बनने की स्थिति में नहीं है।

राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को चुनौती देने में हालांकि कोई पार्टी फिलहाल सक्षम नहीं दिख रही है। लेकिन कमोबेश कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का नाम लिया जा सकता है। कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस बीजेपी से सीधा मुक़ाबला करने की स्थिति में है। जबकि बीजेपी तेलंगाना में अपने भविष्य को लेकर आशान्वित है। देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार करने के मूड में दिख रही आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले संघर्ष करेगी या कांग्रेस के साथ किसी बीजेपी विरोधी विकल्प में साझेदार बनेगी। आप की महत्वाकांक्षा को देखते हुए फिलहाल कांग्रेस के साथ जाने की उम्मीद कम ही है। पिछले दिनों गुजरात और पंजाब के चुनाव नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वो सिर्फ एक शहरी पार्टी की छवि से इतर ग्रामीण, गरीब और पिछड़ी जातियों के बीच पकड़ रखने वाली पार्टी हो गयी है। ऐसे में सवाल उठता है कि विपक्ष की अगुवाई कौन करेगा। इस बाबत एक मीडिया समूह ने सर्वे कराया। सर्वे में 31% आम आदमी पार्टी, 21% कांग्रेस और 19% क्षेत्रीय दलों के गठबंधन को समर्थन मिला। देश के दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में फिलहाल क्षेत्रीय दलों का मजबूत आधार है। डीएमके और टीएमसी जैसी पार्टियों के पास मजबूत संगठन है। लेकिन वो अपने राज्य से बाहर ऊर्जा खर्च करने में दिलचस्पी नहीं रखते। सपा, राकांपा और जेडीयू का राजनीतिक कद अन्य की तुलना में बड़ा है लेकिन वो सुस्त है। बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों की भी राष्ट्रीय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में यदि आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को मजबूत चुनौती देनी है तो उन्हे सभी पार्टियों को आपस में मिलकर एक साझा समझौते का मंच तैयार करना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी-एनडीए, कांग्रेस, आप और टुकड़े-टुकड़े में बंटे राजनीतिक दलों के चतुष्कोणीय पेंच में फंस जाएगा। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *