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राम मंदिर ट्रस्ट : आरोप बेबुनियाद, चपत राय ने बताया कैसे हुई 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ की

By Shakti Prakash Shrivastva on June 14, 2021
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अयोध्या, (संवाददाता)। समाजवादी पार्टी के नेता तेज नारायण पाण्डेय द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट पर जमीन खरीदने में हुए भ्रष्टाचार के आरोप को ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। श्री राय ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब है।

2 करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में बेचे जाने संबंधी आरोपों पर श्री राय का कहना है कि सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने करीब 10 साल पहले ही बाग बिजेसर की जमीन कुसुम पाठक और हरीश पाठक से खरीद ली थी। उस समय के हिसाब से इसका रेट दो करोड़ तय कर लिया था। इसकी रजिस्ट्री भी हो गयी थी। जब मंदिर ट्रस्ट ने इस जमीन को खरीदने की इच्छा जताई तो सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने पाठक परिवार से इस जमीन का बैनामा तय रेट पर 18 मार्च 2021 को कराया। फिर उसे आज की रेट के हिसाब से मंदिर ट्रस्ट को बेचा। इसमें कहीं से भी कोई घोटाला और हेराफेरी नहीं है। ये केवल राम भक्तों को गुमराह करने के लिए साजिश है। समाजवादी पार्टी के नेता तेज नारायण पांडेय ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पांडेय ने बताया कि यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु और सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया था। पांडेय ने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए रकम की जांच कराने और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।

 

 

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