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December 9, 2024
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बाबा को चढ़ने लगी लोक आस्था की ‘खिचड़ी’

By Shakti Prakash Shrivastva on January 15, 2024
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

लोकआस्था के महापर्व मकर संक्रांति को, यूं तो देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। कहीं पोंगल तो कही लोहड़ी तो कहीं बीहू जैसे नामों से इसे मनाया जाता है। इस दिन सूर्य की गति दक्षिणायण से उत्तरायण होने व धनु राशि से मकर राशि में उनके प्रवेश करने की स्थिति में उत्तर भारत खासकर गोरखपुर और उसके आसपास के इलाके में इस पर्व को खिचड़ी महापर्व के नाम से मनाया जाता है। इस दिन गोरखपुर स्थित नाथसंप्रदाय के प्रमुख गोरक्षपीठ के गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की प्राचीन परंपरा है। मान्यता के अनुसार कालांतर मे इस दिन महायोगी बाबा गोरखनाथ भ्रमण करते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला स्थित माँ ज्वाला देवी के स्थान पर पहुँच गए थे। महायोगी को अपने द्वार पर आया देख देवी ने स्वयं प्रगट हो उन्हे भोजन हेतु आमंत्रण दिया। चूंकि वहाँ वामाचार विधि से पूजा-अर्चना होने के कारण मांसाहार का चलन था। लिहाजा गुरु गोरखनाथ ने माँ ज्वाला से मधूकरी से प्राप्त खिचड़ी खाने की इच्छा जताई। देवी ने अनुरोध स्वीकारते हुए कहा की तुम मांग कर लाओ मैं खिचड़ी के लिए अदहन गरम कर रही हूँ। खिचड़ी के लिए भिक्षाटन करते-करते गोरखनाथ बाबा गोरखपुर के इस क्षेत्र में आ पहुंचे। निर्जन और शांत क्षेत्र बाबा गोरखनाथ को पसंद आया और बाबा यही समाधिस्थ हो गए। उन्होने बगल मे खप्पर रख दिया। इलाकाई उनके खप्पर में खिचड़ी चढ़ाने लगे। लेकिन बाबा की माया ऐसी की खप्पर भरता ही नहीं। तभी से यहाँ खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई जो आज भी कायम है।

गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा के तहत आज इलाकाईयों के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल और पड़ोसी राज्य बिहार से बही बड़ी संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने आते हैं। नेपाल में जब तक राजशाही थी तब तक राजपरिवार से आई खिचड़ी के बाद ही अन्य श्रद्धालुओं की खिचड़ी चढ़ती थी। सत्रहवीं सदी से शुरू हुई नेपाल के गोरखा इलाके से आने वाली खिचड़ी बीच के माओवाद प्रभाव के चलते बंद हो गयी थी अब लगभग बीस साल बाद इस बार फिर से यह परंपरा शुरू हुई है। गोरखा नगर पालिका-9 और वहाँ के गोरखनाथ आश्रम के अध्यक्ष होमनसी बसन्यातल की मुताबिक इस बार रविवार 14 जनवरी को तांत्रिक विधि से पूजा करने के बाद गोरखा के गोरखनाथ से खिचड़ी के साथ यात्रा शुरूकर बड़ी संख्या मे गोरखा श्रद्धालु गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। गोरखा से बाकायदा पंचेबाजा के साथ खिचड़ी लेकर श्रद्धालु यात्रा शुरू किए थे।

परंपरा के अनुसार इस बार भी 15 जनवरी को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में गोरक्ष्पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर गर्भगृह में बाबा गोरखनाथ की प्रतिमा के सामने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद खिचड़ी चढ़ाई। इसके बाद दिन से ही लंबी कतार में खड़े पुरुष और महिला श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चधाना शुरू कर दिया। मंदिर में मुख्यमंत्री आवास होने की वजह से सुरक्षा व्यवस्था भी काफी चाक-चौबन्द रही। सभी श्रद्धालुओं को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ा। श्रद्धालुओं  ने पूरी आस्था और विश्वास के साथ अपनी मान्यताओं के मुताबिक खिचड़ी बाबा को चढ़ाई।

 

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