रांची-भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के तौर पर अपनी अमिट छाप छोड़कर और वीआरएस लेकर राजनीति में करियर बनानेवाले चार बार के विधायक बंदी उरांव का निधन सोमवार की देर रात हो गया। बंदी उरांव अपने पीछे पुत्र अरुण उरांव, पुत्रवधू गीताश्री उरांव और भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके पुत्र अरुण उरांव भी आइपीएस की नौकरी से वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए हैं और पार्टी में बड़े पद पर आसीन हैं। बंदी उरांव बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बंदी उरांव के निधन के साथ ही राजनीति का वह वटवृक्ष गिर गया जिसके नाम की लोग कसमें खाते थे। उनके निधन पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। वे लगभग 90 वर्ष के थे।
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री थे बंदी उरांव
उनके निधन पर आदिवासी संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पूरी ईमानदारी, योग्यता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ जिंदगी भर जल, जंगल, जमीन बचाने और झारखंड की अस्मिता सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष करते रहे। सिसई क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके बंदी उरांव फिलहाल कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। चार बार विधायक के साथ-साथ वे बिहार सरकार में मंत्री भी रहे और जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने पेसा कानून बनाने में अहम भूमिका निभाई। विधायक बंधु तिर्की ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमने पार्टी का एक मजबूत स्तंभ खो दिया है।ग्रामसभा के जबरदस्त वकालत करने वाले, बुढ़ादेव को स्थापित करने वाले, आदिवासी समाज के अग्रिम और बौद्धिक जगत के रूप जानने वाले के साथ झारखंड अलग राज्य के कर्मठता के साथ विचार प्रवाह करने वाले के रूप में जाने जाते थे। झारखंड के समाज में उनके काम की मौजूदगी सदा बनी रहेगी। बता दें कि बंदी बाबा सिसई विधानसभा के पूर्व विधायक छोटानागपुर संथालपरगना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके थे। 90 साल कि उम्र में 5 अप्रैल 2021 11 बजे रात को अंतिम सांस ली। उनका जन्म 16 जनवरी 1931 में हुआ था। हेहल बगीचा टोली, Govt ITI और बस स्टैंड के नजदीक राँची झारखंड में हुआ था।