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May 13, 2025
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अंतिम चरण के लिए INDIA गठबंधन का दाँव!

By Shakti Prakash Shrivastva on June 1, 2024
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                                                                                शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

पूरे देश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी माहौल बहुत गरम है। मौसम की गर्मी के साथ-साथ सियासी गर्मी सियासी दलों को परेशान किये हुए है। ये दल अपनी विजय के लिए नित नए सियासी हथकंडे अपना रही है। यूपी में जहां अंतिम चरण के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इलाके में भी पहली जून को मतदान हो रहा है। यहाँ सफल होने के लिए INDIA गठबंधन के घटक दल खासकर सपा और कांग्रेस ने नया सियासी दाँव चला है। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी और योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुल 13 सीटें हैं।

INDIA गठबंधन ने इस इलाके के लिए जो नयी रणनीति बनाई है उसके तहत यह तय किया है कि संबंधित लोकसभा सीटों पर अधिकाधिक मतदान कराया जाए। इसके लिए प्रदेश व जिला स्तरीय पदाधिकारियों को बूथ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। घर-घर पहुंचने वाली टीम चुनाव घोषणा पत्र और कांग्रेस के 10 साल व सपा के पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों से संबंधित पर्ची भी बाँट रही हैं।

इस सातवें और अंतिम चरण में शामिल 13 सीटों में से महराजगंज, देवरिया, बांसगांव और वाराणसी सीट पर गठबंधन के तहत कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जबकि अन्य 9 क्षेत्रों में सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बीएसपी एकसाथ मिलकर चुनाव लड़े थे जबकि कांग्रेस अलग मैदान में उतरी थी। चुनाव परिणाम की स्थिति ये थी कि इन तीनों दलों को मिले वोट मिलाने के बाद भी बीजेपी के वोटों से काफी कम थे। वाराणसी से पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 63.62 फीसदी वोट और कांग्रेस के अजय राय को 14.38 तथा सपा-बीसपी गठबंधन उम्मीदवार शालिनी यादव को 18.40 फीसदी वोट मिला था। इस बार शालिनी बीजेपी के साथ हैं। यहां नरेंद्र मोदी और अजय राय के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा हार-जीत के अंतर को जहां ऐतिहासिक बनाने की ख्वाहिशमंद है। वहीं गठबंधन रिकॉर्ड नहीं बनने देने के लिए कटिबद्ध हैं।
INDIA गठबंधन के नेताओं का मानना है कि अंतिम चरण की कई सीटों पर बूथवार वोट सहेजना शुरू करने पर चौंकाने वाली स्थिति मिली। कई बूथों पर पहले की अपेक्षा मतदाता सूची में वोट कम मिल रहे हैं। ऐसे में इन बूथों के लिए अलग से रणनीति बनाई गई है। इन बूथों पर स्थानीय कमेटी के साथ ही जिला व प्रदेश स्तरीय नेताओं को लगाया गया है। वे एक-एक वोट को बूथ पर लाने का कार्य करेंगे। भीषण गर्मी को देखते हुए कुछ स्थानों पर मतदाताओं को गांव से बूथ तक लाने की सुविधा भी देने की तैयारी है। इसके पीछे तर्क है कि जिस बिरादरी का वोट खुले तौर पर साथ है, उनहे हर हाल में बूथ तक पहुंचाया जाए। अब 4 जून को पटा चलेगा कि यह नया दांव गठबंधन का कितना सफल होता है।

 

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