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गुर्गे नहीं तो जमीन ही सही !

By Shakti Prakash Shrivastva on November 7, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                               प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को दिनदहाड़े हुए शूटआउट में पूर्व विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल और उसके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की बमों और गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। उस दौरान लखनऊ में चल रही विधानसभा की कार्रवाई के बीच अपराधियों और अपराध के जीरो टालरेंस की  नीति को सख्ती से लागू करने के संकल्पित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का ऐलान कर दिया। फिर क्या था ताबड़तोड़ पुलिसिया कार्रवाइयाँ शुरू हो गई। मौका ए वारदात से मिले सीसीटीवी फुटेज में चिन्हित दर्जन भर शूटरों के अलावा जेल में बंद माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को भी तफतीश में नामजद किया गया। कार्रवाई के क्रम में ही माफिया अतीक अहमद के शूटर गुलाम और बेटे असद अहमद को एसटीएफ की टीम ने अप्रैल में झांसी के पास एक मुठभेड़ में मार गिराया। लेकिन आज लगभग नौ महीने होने को हैं और कुछ एक इंकाउंटर, गिरफ्तारिया और धवस्ती-जब्ती जैसी कार्रवाइयों के अलावा अभी भी कई इनामिया पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इनमें शूटआउट में बेखौफ बमबाजी करने वाला पाँच-पाँच लाख के इनामिया कुख्यात बमबाज गुड्डू मुस्लिम,साबिर और अरमान के अलावा माफिया अतीक की पत्नी आयशा परवीन व अशरफ की पत्नी रूबी जैनब जैसे मुख्य हैं। आए दिन पुलिस और जांच में लगी एजेंसियां इस बात का दावा करती है कि अब पुलिस उन तक पहुँचने में कामयाब होने वाली है। पुख्ता जानकारी मिली है जल्द ही अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। लेकिन ऐसी सूचनाओं-जानकारियों को मिलते भी महीनों बीत गए और आज भी पुलिस के हाथ इन अपराधियों तक पहुँचने में नाकाम हैं। अलबत्ता अब पुलिस अपनी नाकामी की खीज कुछ जमीनो व संपत्तियों को अपराधियों का बताते हुए उन्हे कुर्क और धवस्तीकरण की कार्रवाई करने में जुटी हुई है।

ऐसे में सवाल उठाना लाजिमी है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। जो सरकार अपराध और अपराधियों के लिए काल मानी जाती  है। इस सरकार के कारण न जाने कितने अपराधियों ने न केवल अपना चोला बदल दिया है बल्कि बहुतेरे ने प्रदेश छोड़ नया आशियाना ढूंढ लिया है।  लेकिन ऐसी सख्त सरकार के बावजूद पुलिस इन इनामी बदमाशों को पकड़ने में विफल क्यूँ है। प्रयागराज शूटआउट के बाद जब प्रयागराज में पुलिस हिरासत में ही माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। परिवार के मुखिया की मौत के बाद भी अतीक का कुनबा या उसका तंत्र कहीं से भी कमजोर होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन अतीक के इनामिया गुर्गों की गिरफ़्तारी कर अपनी छवि बनाने की बजाय अतीक की बेनामी और अवैध संपत्तियों का पता लगाने में लग गई है।  प्रशासन ने माफिया अतीक अहमद की 5.0510 हेक्टेयर यानि लगभग 20 बीघा जमीन गैंगस्टर एक्ट में कुर्क कर लिया है। यह आदेश  पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की कोर्ट ने पारित किया था।  अतीक अहमद की इस अवैध संपत्ति की अनुमानित कीमत 12 करोड़ 42 लाख 69 हजार 100 रुपये है। इस बाबत जानकारी मिली कि अतीक अहमद ने राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर 14 अगस्त 2015 को कुल 16 संपत्तियां खरीदी थी।  उसने  डरा धमका कर 16 कुल संपत्तियां हुबलाल के नाम पर रजिस्ट्री कराई थी।  अतीक अहमद और चार अन्य के खिलाफ खुल्दाबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा 2020 में दर्ज हुआ था।  अतीक अहमद के साथ नियाज, जाहिद, रियाज, मोहम्मद शेख को भी आरोपी बनाया गया था. इस मुकदमे की विवेचना कैंट थाना पुलिस कर रही है। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद हुबलाल खुद पुलिस के सामने आया था।  उसने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि अतीक गैंग ने उसके नाम पर जबरन जमीन लिखवाई है, जिसे वह अब सरकार को स्कूल, कॉलेज या अनाथालय के लिए देना चाहता है।  हुबलाल लालपुर थाना क्षेत्र के मानपुर गांव का रहने वाला है. वह बीपीएल कार्ड धारक है और राजमिस्त्री का काम करता है. उसके पास अपनी पैतृक सिर्फ दो बिस्वा जमीन है, जबकि वह माफिया अतीक अहमद की करोड़ों की जमीन का मालिक है। पुलिस ने उसके अकाउंट की भी छानबीन की है उसमें काफी कम रुपए मिले हैं।  हुबलाल के परिवार में उसकी पत्नी के साथ ही एक बेटा और बेटी भी है।  इस तरह न जाने कितने और हूबलाल है जिनके नाम अतीक की अवैध संपत्तियाँ है। पुलिस अब ऐसे नामों का पता लगा रही है और इन्ही के जरिए अपना कर्मठता का लोहा मनवाना चाह रही है। जबकि हकीकत में अतीक की पत्नी समेत सभी बड़े इनामिया अभी भी फरार है और यूपी पुलिस को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

 

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