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बाढ़ के ‘दबाव’ में गोरखपुर : उफनाई नदियों से बंधों में रिसाव, सोनौली मार्ग पर पानी, मंत्री पहुंचे

By Shakti Prakash Shrivastva on September 1, 2021
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गोरखपुर, (संवाददाता)। गोरखपुर और आस-पास के वासिंदे आज भी 1998 की बाढ़ के हालात याद कर सिहर उठते हैं। इस बार भी सितंबर महीने की शुरुआत में कमोबेश वैसे ही हालात बनते दिख रहे हैं। राप्ती, रोहिन, गोर्रा और घाघरा जैसी नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इन उफनाती नदियों के दबाव में लगभग दर्जन भर बंधों में रिसाव शुरू हो गया है। गोरखपुर और सोनौली मुख्य मार्ग पर मानीराम के पास बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन बाधित हो गया है। हालात का जायजा लेने बुधवार को गोरखपुर पहुंचे प्रदेश के जलशक्ति  मंत्री महेंद्र सिंह ने न केवल बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया बल्कि बचाव के पुख्ता इंतजामात किए जाने का संबन्धित अधिकारियों को निर्देश भी दिया। हालांकि बाढ़ की आशंका से इलाकाई दहशत में हैं।

गोरखपुर जिले की राप्ती, रोहिन, गोर्रा और घाघरा जैसी नदियों की बाढ़ से हर साल जिले की हजारों एकड़ फसलों को नुकसान होता है। वहीं सैकड़ों परिवार इधर-उधर सरकारी और गैर सरकारी इमदाद पर जिंदगी बसर करने को मजबूर हो जाते हैं। इस बार भी हालात खतरनाक होते दिख रहे हैं। जिले की राप्ती, गोर्रा, घाघरा और रोहिन जैसी नदियां खतरे के निशान से एक-एक मीटर ऊपर बह रही है। इन नदियों की बाढ़ से दर्जन भर की संख्या में क्षेत्रीय बंधे ऐसे हैं जिनमें रिसाव शुरू हो गया है। दहशतजदा इलाकाइयों में 1998 वाली बाढ़ का मँजर दिख रहा है। हालांकि प्रदेश सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह की मुताबिक ऐसे हालत आने नहीं दिया जाएगा। मंत्री ने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करते हुए संबन्धित अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा बैठक भी किया। इस बार जिले में ग्रामीण अंचल ही नहीं बल्कि शहरी इलाका भी इसकी चपेट में है। शहर के मुहल्लों में एन डी आर एफ की टीम लगानी पड़ी है। लगभग चार दर्जन लोगों को इस टीम ने रेस्क्यू करके सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। अभी भी नदियों का जलस्तर 3 से 4 इंच प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। यह स्थिति शुभ नहीं है। रिसाव हो रहे बांधो के टूटने की दशा में हालात बाद से बदतर हो जाएँगे। शहर को बचाने के लिए महेवा हबर्ट बंधे पर लगे रेगूलेटर में से भी रिसाव हो रहा है। इसके अलावा मानीराम कुदरिया, बनरहां विस्तार बुढ़ेली के पास, पीपीगंज मखनहां बंधे पर रिसाव, गोरखनाथ इलाके में रामपुर नयागांव गांव और बेलीपार इलाके के हार्बट बंधे पर भी रिसाव हो रहा है। चौरीचौरा और झंगहा इलाके के 5 बांधों में रिसाव शुरू हो गया है।  हालांकि, स्थानीय लोग रात-दिन यहां बालू की बोरियां और अन्य जुगत करने में जुटे हुए हैं। ताकि बांध को टूटने से बचाया जा सके। प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी से बचाव कार्य मे लगा हुआ है।

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