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यूपी के सीमावर्ती जिलों में दौड़ेगा विकास : खुलेंगे स्कूल, माल, अस्पताल, जमीन की तलाश जारी

By Shakti Prakash Shrivastva on May 2, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

          उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम करने की अपनी एक अलग शैली है। कुछ लोग उनकी कार्यशैली को गलत भी ठहराते है लेकिन अधिकांशतः लोगों का मानना है कि उनके कार्य करने का तरीका न केवल अन्य नेताओं से अलग है बल्कि अधिक प्रभावशाली भी है। योगी के पिछले कार्यकाल में हालांकि कोरोना महामारी के चलते अपेक्षानुरूप तो नहीं लेकिन फिर भी इतना कारी हुआ कि प्रदेश की आवाम ने उनकी कार्य संस्कृति की सराहना करते हुए उन्हे दुबारा प्रदेश की सत्ता सौंप दी। इस बार मुख्यमंत्री पर भी पिछले की तुलना में कुछ अलग और बेहतर करने का दबाव भी है। फिलहाल मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों से इतर एक नया निर्णय लिया है। उन्होने प्रदेश के इंटरस्टेट और इन्टरनेशनल सीमा से लगे हुए जिलों के लिए विकास का एक नया प्रारूप तैयार किया है। इसमें सीमावर्ती इलाके में स्कूल, हास्पिटल, एग्रीकल्चर मार्केट और माल आदि खोले जाएँगे। जिससे कि सीमावर्ती इलाके के लोगों को अपने रोज़मर्रा के सामानों और आवश्यकताओं के लिए बहुत दूर न जाना पड़े। इसके लिए नेपाल देश की सीमा से लगे जिलों के अलावा अन्य राज्यों से जुड़े प्रदेश के 33 जिलों में निर्माण कार्य कराया जाना है। अप्रैल माह के शुरुआत में वाराणसी आए नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देऊबा ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाक़ात के दौरान नेपाल सीमा पर स्कूल और हास्पिटल खोलने का अनुरोध किया था। सरी देऊबा ने कहा था कि ऐसा हो जाने से नेपाल के लोगों को खरीददारी और स्वास्थ्य के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस क्रम मे मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को नेपाल सीमा से लगे महराजगंज जिले के सोनौली में अस्पताल और माल के लिए प्रोपोजल तैयार करने को कहा है। राज्य के प्रमुख सचिव (लोक निर्माण विभाग) ने महराजगंज के जिलाधिकारी से माल और हास्पिटल के लिए 100 एकड़ जमीन की व्यवस्था करने को कहा है। इसके अलावा बिहार राज्य की सीमा से लगे इलाके में भी शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि मंडी के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है। जमीन तलाशी जा रही है। इसके लिए शामली, गाजियाबाद, सहारनपुर, देवरिया, कुशीनगर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बिजनौर, झांसी, सोनभद्र, महोबा, रामपुर, इटावा, अलीगढ़, बांदा, ललितपुर, आगरा, जालौन, मथुरा, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, मिर्जापुर, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, बरेली, बलिया, चंदौली, गाजीपुर जैसे कुल 33 जिलों में सौ-सौ एकड़ जमीन तलाशी जा रही है। जमीन मिलते ही जमीनी कार्यवाही शुरू हो जाएगी। सरकार का यह प्रयास सीमावर्ती इलाके के लोगों के लिए वरदान सरीखा साबित होगा।

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