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March 21, 2025
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BJP MLC ने ही पुलिस पर लगाए विकास दुबे के परिवार को प्रताड़ित करने के आरोप

By Nikhil Pal on March 16, 2021
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लखनऊ-कानपुर के बिकरू मामले में बीजेपी नेता ने ही पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी को पत्र भी लिखा है।भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिकरू मामले के अपराधी विकास दुबे के परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि पुलिस विकास दुबे को प्रताड़ित करती थी, उससे पैसे ऐंठने की कोशिश करती थी।अब उसके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है।

सीएम योगी को लिखा पत्र

भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने बिकरु गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे के परिवार को प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के परिवार के सदस्यों को लेकर एमएलसी ने आरोप लगाया कि पुलिस इनसे लगातार पैसों की वसूली में लगी है। पैसे न देने के स्थिति में परिवार के लोगों को बेवजह प्रताड़ित कर रही है।मुख्यमंत्री से मिलकर एमएलसी ने शिकायती पत्र सौंपा है। भाजपा एमएलसी ने आरोप लगाया है कि पुलिस पैसों के लिए प्रताड़ित कर रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी ने आश्वासन दिया है कि कोई भी निर्दोष गलत नहीं फंसाया जाएगा।भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी अखिल भारतीय ब्राह्मणोंत्थान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। ब्राह्मण उत्पीडऩ को लेकर आवाज उठाने को लेकर वह लगातार चर्चा में रहे हैं। उमेश द्विवेदी ने लिखा है कि अंजली दुबे ने प्रार्थनापत्र दिया है, जो इस पत्र के साथ संलग्न है, उस का अवलोकन करने का कष्ट करें। यह बिकरु कांड के बाद निर्दोष पति-पत्नी पर पुलिस के अनर्गल केस को समाप्त करने के संबंध में है। इस पत्र के साथ अंजली दुबे का जो प्रार्थना पत्र संलग्न है, उसें लिखा है कि वह और उनके पति दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक लखनऊ के कृष्णानगर में पिछले 15 वर्ष से मकान बनाकर रह रहे हैं। जिस रात बिकरु कांड हुआ, उस रात भी मेरे पति मेरे साथ थे, जिसे पुलिस ने भी माना है। फिर भी जबरन कबाड़ की खरीदी गई गाड़ी को आधार बनाकर मेरे पति पर फर्जी मुकदमा लाद दिया गया और उन्हेंं जेल भेज दिया गया। मेरे ऊपर भी जब किसी प्रकार का आरोप नहीं मिला तो मेरे शस्त्र के आवेदन में पारिवारिक अन्य शस्त्रों का ब्योरा न होने का मुकदमा दर्ज कराया गया, जबकि मेरे पास 10 वर्ष पहले का बना लाइसेंस है। इसी को आधार बनाकर लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा डराया, धमकाया व गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है।

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