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September 11, 2024
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संसद में विपक्ष का मुद्दा बना संविधान

By Shakti Prakash Shrivastva on June 25, 2024
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                                                                                        शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

लॉक्सभा चुनाव के बाद गठित 18 वीं लोकसभा का पहला विशेष सत्र 24 जून को शुरू हुआ। पिछले दो लोक्सभा चुनाव में संखया बल की कमी के चलते नेता प्रतिपक्ष तक न बना पाने वाला विपक्ष इस बार अपेक्षित बड़ी संखया के चलते खासा उत्साहित नजर आया। लेकिन अफसोस कि चुनाव के दरमियाँ कई मुद्दों को जोर-शोर से उठाने वाले विपक्ष ने एक सोची समझी रणनीति के तहत सभी मुद्दों से इतर संविधान को ही संसद में विपक्ष की भूमिका के लिए हथियार बनाने को अहमियत दी। संसद परिसर में पहुँचने वाला विपक्ष का हर सांसद चाहे नया हो या पुराना सभी ने हाथों में संविधान की प्रति पकड़े रखा। क्योंकि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के सभी घटक दलों को ऐसा लग रहा है कि उनकी जो भी जीत हुई है उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ संविधान बदलने का मुद्दा ही सफल रहा। ऐसे में उन्हे कुछ न कुछ तो ऐसा सोचना ही था कि भविष्य में विपक्ष को जिसके आधार पर मजबूती दिया जा सके। इसलिए एक सोची-समझी रणनीति के तहत विपक्षी दलों ने यह तय किया कि चुनावी शोर में सर्वाधिक गूंजने वाले इस मुद्दे यानि संविधान की रक्षा वाले मुद्दे को और धार दिया जाए साथ ही इस मुद्दे को मुद्दा बनाए रखा जाए। इस क्रम में ही आज संसद पहुँचने वाले सभी विपक्षी साँसदो ने हाथ में संविधान की प्रतियां लिए रखा। यहाँ तक की शपथ लेते वक्त भी सांसदों ने संविधान की प्रति अपने साथ रखा।

जैसे ही संसद सत्र की शुरुआत हुई। शुरुआत में ही प्रधानमंत्री के सम्बोधन के बाद से ही हंगामा शुरू हो गया। इस बीच अधिकांश  सांसदों ने सदस्यता की औपचारिक शपथ ली। शेष बचे सांसदों ने दूसरे दिन मंगलवार को शपथ ली। भले ही विपक्षी सांसदों ने शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के शपथ लेते समय नीट-नीट कह कर शोर-शराबा किया लेकिन मीडिया से मुखातिब होने पर विपक्ष के चाहे राहुल गांधी हो, मलिकार्जुन खड़गे हों, अखिलेश यादव हो या कोई और नेता सभी ने एक स्वर में संविधान की रक्षा की ही बात की। ऐसा लगा कि जैसे देश में संविधान असुरक्षित हो गया है और देश का विपक्ष ही उसकी रक्षा कर सक्ने में समर्थ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि संविधान के लिए काला दिन था इमरजेंसी वाला 25 जून। उन्होंने विपक्ष के रवैये का जवाब देते हुए जो कहा उसका भाव ये था कि यह दिन इतिहास में संविधान के मखौल उड़ाने जैसे कृत्य के लिए सदैव याद किया जाएगा। ऐसा कृत्य करने वाले आज संविधान बचाने की बात कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हम संविधान की रक्षा के लिए जवाबदेह है और इसकी रक्षा हर हाल मे की जाएगी। इससे छेड़छाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी संविधान की रक्षा करने की बात दुहराई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यहाँ तो सत्तारूढ़ सरकार रोज-रोज संविधान की धज्जियां उड़ाने जैसा कृत्य कर रही है। विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की मौजूदगी में संसद परिसर में महात्मा गांधी प्रतिमा के निकट विरोध प्रदर्शन कर संविधान की रक्षा कौन करेगा ।। हम करेंगे हम करेंगे जैसे नारे भी लगाए।

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