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योगी की बुलडोजरी सख्ती की जद में ब्यूरोक्रेसी भी, आईपीएस अलंकृता सिंह निलंबित

By Shakti Prakash Shrivastva on April 28, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

            उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर और उनकी बुलडोजरी सख्ती का इस समय प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रदेश के बाहर देश के अन्य प्रदेशों में भी खासी चर्चा है। कई प्रदेशों में अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। बुलडोजर इस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त कार्यशैली खासकर अपराध और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक प्रतीक बन गया है। हालांकि यह प्रतीक बन गया था योगी सरकार-1 यानि पिछली सरकार में ही। क्योंकि उस समय पहले कार्यकाल में ही प्रदेश के टाप अपराधियों को मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट चेतावनी दे दी थी कि या तो अपराध से विमुख हो या प्रदेश छोड़ दो वरना गोली खाने और अर्जित संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाने के लिए तैयार रहो। इस क्रम में मऊ के माफिया मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद सहित प्रदेश के कई माफियाओं की अपराध से अर्जित करोड़ों-करोड़ की संपत्तियों को प्रशासन द्वारा कब्जे में लिया गया और निर्मित इमारतों को बुलडोजर की मदद से जमींदोज कर दिया गया। लेकिन योगी सरकार-2 में अपराध और अपराधियों पर अंकुश के साथ-साथ सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स की नीति के तहत विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर भी अंकुश लगाने की कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री योगी का इस बाबत स्पष्ट निर्देश है कि इस जद में जो कोई भी आएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कितनी भी पहुँच रखने वाला ही क्यों न हो। नई सरकार के बने अभी जुमा-जुमा एक महीने ही बीते है लेकिन कार्यवाहियों की फेहररिस्त काफी लंबी हो गई है। क्या आईएएस और क्या आईपीएस कोई भी इससे बच नहीं रहा। पशुधन घोटाला में आईपीएस अरविन्द सेन पिछले 2-3 वर्षों से हवालात में हैं। अभी हालिया कार्रवाई आईपीएस अलंकृता सिंह पर हुई हैं। उनको बिना औपचारिकता पूरी किये अक्तूबर 2021 से गैरहाजिर रहने की वजह से निलंबित कर दिया गया है। अलंकृता 2008 बैच की आईपीएस अफसर हैं। उनकी तैनाती महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में एसपी के पद पर थी। आईएएस और आईपीएस के खिलाफ हुई कार्रवाइयाँ इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही है कि अब पूर्व कालिक सरकारों वाली कार्यसंस्कृति से अधिकारी अपने को बाहर लाए और मौजूदा शासन की जीरो टालरेन्स वाली नीति को स्थापित कराने में अपना योगदान दे अन्यथा ऐसी कार्रवाइयों के लिए तैयार रहे। शासन की ओर से जारी निलंबन आदेश में बताया गया है कि अलंकृता ने 19 अक्तूबर, 2021 को उप्र. महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की एडीजी नीरा रावत को व्हाट्सएप कॉल करके बताया था कि वह लंदन में हैं। इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए थे और उन्हें आरोप पत्र भी भेजा जा चुका है।  अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की मुताबिक पुलिस सेवा नियमावली के तहत किसी भी अधिकारी को विदेश यात्रा के लिए शासन से अनुमति लेनी होती है। अलंकृता ने न तो अवकाश लिया और न ही विदेश जाने की अनुमति। इसी कारण उन्हें निलंबित किया गया है। अलंकृता 16 मार्च, 2017 से 25 अप्रैल, 2021 तक मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थीं। अप्रैल 2021 में अपने मूल कॉडर यूपी लौटने के बाद वह डेढ़ माह की छुट्टी पर चली गई थीं। 10 जून को अलंकृता की तैनाती महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में एसपी के पद पर कर दी गई थी। अलंकृता जैसी कितने ही ऐसे अधिकारी है जिन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों में कार्य के लिए स्थापित कार्य मापदंडों की अवहेलना करते हुए नौकरी करने की आदत सी बना ली है। ऐसे अधिकारियों के लिए अलंकृता के खिलाफ हुई कार्रवाई एक संदेश देती है कि अभी भी चेत जाओ समय है वरना….

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