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April 27, 2024
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अखिलेश की रजामंदी से हमलावर हैं स्वामी !

By Shakti Prakash Shrivastva on September 23, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                           उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य धर्म को लेकर खासकर हिन्दू धर्म को लेकर कुछ ज्यादा ही हमलावर हो गए है। एक-दो बार नहीं बल्कि लगातार हमलावर होने की वजह से ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं उनके इस बयानबाजी पर पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की सहमति अवश्य है। यह भी संभव है कि ये सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की रणनीति का हिस्सा हो। क्योंकि जहां अखिलेश को लगता है कि उनके इस बयानों से पार्टी को नुकसान हो सकता है वहाँ स्वामी को नहीं भेजा जाता। उदाहरण के तौर पर हाल में हुए घोसी विधानसभा के उपचुनाव को ही लें वहाँ अखिलेश समेत रामगोपाल, शिवपाल आदि सपा के सभी दिग्गज नेता चुनाव प्रचार करने गए लेकिन वहाँ स्वामी प्रसाद मौर्य कहीं नहीं दिखे। क्योंकि घोसी में जातीय समीकरणों का प्रभाव अधिक है लिहाजा वहाँ हिन्दू धर्म विरोधी नेता की मौजूदगी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती थी।

हाल के दिनों में हिन्दू धर्म को निशाना बनाने वाले कम से कम आधा दर्जन से अधिक विवादित बयान स्वामी प्रसाद ने दिए हैं। यूपी के जिले हरदोई में सोमवार को एक कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर एक विवादित बयान देते हुए कहा कि ‘हिंदू शब्द एक फारसी शब्द है। जिसका मतलब होता है चोर, नीच, और अधम। ऐसे हम इसे धर्म कैसे मान सकते हैं। जिसे हम हिंदू धर्म मानते हैं, वह हिंदू धर्म है ही नहीं। उन्होने कहा कि  हिंदू राष्ट्र की मांग पूरी तरह संविधान विरोधी है। ऐसी मांग करने वाले देशद्रोही हैं। इतना ही नहीं स्वामी ने ब्राह्मणों के लिए कहा कि ये स्वयंभू है और ये कैसे स्वयंभू है जो अपनी मां के पेट से पैदा होने में यकीन नहीं करते है। उनका मानना है कि वो ब्रह्मा के मुंह से पैदा हुए हैं। व्यंग करते हुए उन्होने कहा कि क्या आज तक किसी को मुंह से पैदा होते किसी ने देखा है?’ जनता से सीधे मुखातिब हो कहा कि हरदोई वाले आप ही बताओ किसी को ब्रह्मा के मुंह से पैदा होते देखा है। पैदा तो जो भी होता है वह अपनी मां के पेट से पैदा होता है।’ पिछले महीने भी स्वामी ने हिन्दू धर्म पर विवादित बयान देते हुए उसे धोखा बताया था। उन्होंने अपने  ट्वीट में लिखा है कि हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। उनके मुताबिक हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग, राष्ट्र के दुश्मन हैं।

हिन्दू धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर पिछले साल दिए गए उनके विवादित बयान को लेकर देश भर में कोहराम मचा था। इस पर सोशल मीडिया के जरिए स्वामी का जीभ काटकर लाने वाले को 21 लाख का इनाम देने जैसी बातें भी खूब वायरल हुई थीं। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य का हिंदू विरोध बहुत पुराना नहीं है। पिछले साल विधानसभा चुनाव तक वह राम, कृष्ण और गणेश की मूर्तियां स्वीकार करते थे। मूर्तियों के सामने दीपक जलाते थे। लेकिन राजनीति जो न कराए। मूर्तियों के सामने पूजा करने वाले वही स्वामी प्रसाद अब ऐसे बयान दे रहे है। देश की राजनीति में बीते एक पखवारे से ‘सनातन’ और ‘हिंदू’ शब्द की खूब चर्चा हो रही है। यूपी से लेकर तमिलनाडु तक नेता रैलियों में धर्म से जुड़े बयान देते नहीं थक रहे हैं। पिछले महीने-डेढ़ महीने पहले की बात करें हिन्दू धर्मविरोधी बयान देने वाले स्वामी सर्वाधिक चर्चित नेता रहे हैं। लेकिन स्वामी के इन बयानों को देने और सुर्खियों में बने रहने के लिए पार्टी सुप्रीमो अखिलेश की रजामंदी भी है। क्योंकि अखिलेश की सहमति के बगैर स्वामी इस तरह के बयान देने की हिम्मत तक नहीं कर सकते थे।

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