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February 7, 2025
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वाह रे UP के मतदाता, घर बैठे चुनेंगे शहरी सरकार!

By Shakti Prakash Shrivastva on May 5, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

           अपने देश की मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह कहना बेशक बेमानी होगा कि कोई मतदाता शहरी हो या ग्रामीण वो घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सरकार चुन सकता है। क्योंकि हमारी व्यवस्था ही ऐसी है जिसमें चुनावी प्रक्रिया चाहें बैलेट पेपर से संपादित हो या ईवीएम यानि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से। हर हाल में अधिकांश मतदाता को मतदान केन्द्रो तक जाना ही होता है। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव यानि शहरी सरकार के चुनाव के पहले चरण में ऐसा देखा गया कि घर के ड्राइंग रूम में बैठकर मन मुताबिक सरकार बनाने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मतदाताऑ ने ड्राइंग रूम से निकल कर मतदान केन्द्रों तक जाने की जहमत तक नहीं उठाई। ये हम नहीं गुरुवार को सम्पन्न हुए चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में तो हालात फिर भी गनीमत है लेकिन शहर क्षेत्र में स्थिति दयनीय है। खासकर वो क्षेत्र जहां की साक्षरता दर अपेक्षाकृत अधिक है। आंकड़े की यह तस्वीर ही आपको काफी कुछ बयान कर देगी। मसलन प्रदेश का प्रयागराज जिला जो शिक्षा के लिए देश ही नहीं दुनिया में ख्यातिनाम है वहाँ प्रदेश में सर्वाधिक कम मतदान हुआ। मतलब यहाँ के शिक्षित मतदाताओं ने मतदान में रुचि ही नहीं ली।

4 मई को सम्पन्न हुए पहले चरण में प्रदेश के 37 जिलों में मतदान हुआ। तमाम कवायद के बाजवूद मतदान औसत महज प्रतिशत 50 प्रतिशत ही रहा जबकि पिछले 2017 के चुनाव में पहले चरण के 24 जिलों में कुल 52.85 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। हम उस आंकड़े तक भी नहीं पाए। इस बार पहले चरण में 10 नगर निगम यानि बड़े शहर शामिल किए गए थे। आंकड़े बताते हैं कि जहां जितने ज्यादा पढ़े लिखे लोग हैं वहाँ उतना ही कम मतदान हुआ। प्रयागराज में महज 33.61 प्रतिशत लोगों ने ही मतदान किया है। जबकि यहाँ साक्षरता दर 72.65 से भी ज्यादा है। यानी जितने पढ़े लिखे लोग हैं, उनमें से आधे भी घर से मत देने नहीं निकले। गोरखपुर में 70.83 प्रतिशत से ज्यादा लोग साक्षर हैं। यहां मतदान का प्रतिशत मात्र 42.43 ही रहा। राजधानी लखनऊ का भी यही हाल रहा। यहां 82 प्रतिशत से ज्यादा साक्षरता दर है लेकिन 38.62 प्रतिशत मतदान हुआ। आधे पढ़े लिखे वोटर भी घरों से नहीं निकल पाए। हालांकि नेपाल की सीमा से लगे जिले महराजगंज में मतदान प्रतिशत प्रदेश में सर्वाधिक 66.48 प्रतिशत रहा। महराजगंज जैसे कम साक्षरता वाले पिछड़े जिले में भी मतदान को लेकर मतदाताओं में जागरूकता है। मतदान इसका प्रमाण है। जबकि अधिक साक्षर जिले का हाल सबके सामने है। ऐसे में घर बैठे सरकार बनाने का सपना पालने वालों के लिए भी सरकार को अब कुछ सोचना होगा। वरना यही हाल रहा तो बहुमत से चुनी जाने वाली सरकार अल्पमत की बदौलत बनने लगेगी।

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