Responsive Menu
Add more content here...
October 8, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • लाइफस्टाइल
  • गोरखपुर के इन गांवों में आजादी के बाद पहली बार होगा चुनाव, सीएम योगी को भगवान मानते हैं यहां के निवासी

गोरखपुर के इन गांवों में आजादी के बाद पहली बार होगा चुनाव, सीएम योगी को भगवान मानते हैं यहां के निवासी

By Nikhil Pal on April 8, 2021
0 271 Views

गोरखपुर-पूर्वांचल में वनटांगियों के लिए सात दशक तक आजादी का वास्तविक मतलब बेमानी था। उनका वजूद राजस्व अभिलेखों में न होने की वजह से वह समाज और विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर उन्हें आजाद देश में मिलने वाली सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराकर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है। सीएम योगी ने प्रदेश में 35 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया है, जिससे वन क्षेत्रों में बसे इन वन ग्रामों के निवासियों को सड़क, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित किया गया है।अब तस्वीर बदली है। इनकी बस्तियों में झोपड़ी नजर नहीं आती। कतार से पक्के मकान हैं। इंटरलाकिंग वाली सड़कें, स्कूल और स्वच्‍छ पेयजल, यानी सभी बुनियादी सुविधाएं सुलभ हैं। यही नहीं, वनटांगिया समुदाय के लोग पहली बार अपने गांव की सरकार चुनेंगे।

गांवों को राजस्व ग्राम का दर्ज मिलने से मिला चुनाव का मौका

उपेक्षा की गर्त से निकल कर विकास की दौड़ में शामिल वनटांगिया लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना सब कुछ मानते हैं। कहते हैं-‘जो कुछ भी है, महाराज जी की बदौलत है। वह हर साल हम लोगों के बीच आकर दीपावली मनाते हैं, हमारे दिलों को खुशियों की रोशनी से भर देते हैं।कुसम्हीं जंगल के घने और अंदरूनी हिस्से में 1918 से वनटांगिया मजदूरों के पांच गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा बसे हैं। जंगल की जमीन पर खेती करना इनके जीविकोपार्जन का साधन था। देश आजाद हुआ। विकास की योजनाएं बननी शुरू हुई, लेकिन वनटांगिया मजदूरों पर किसी की नजर नहीं पड़ी। नतीजतन पीछे छूटते गए। वर्ष 1998 में पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इन बस्तियों में रहने वालों को मुख्यधारा से जोडऩे का बीड़ा उठाया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सहयोग से उन्होंने इन बस्तियों में न केवल शिक्षा की अलख जगाई, बल्कि गोरखनाथ मंदिर से संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ अस्पताल की मोबाइल मेडिकल सेवा को भी इन बस्तियों में पहुंचाया। सांसद रहते हुए 2009 से ही योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ दीपावली मनाने की परंपरा शुरू की जो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कायम है।इस बार के पंचायत चुनावों को लेकर वनटांगिया समुदाय के लोगों में खासा उत्साह है। वजह यह कि राजस्व ग्राम बनने के बाद पहली बार अपने गांव की सरकार चुनेंगे। पंचायत चुनाव को लेकर वे उत्साहित हैं। 2015 में हुए पंचायत चुनाव में उन्हें मतदान करने का मौका तो मिला था, लेकिन खुद का गांव राजस्व ग्राम न होने की वजह से इन्हें कोई लाभ नहीं मिला।शुभवती कहती हैं कि महाराज जी की कृपा से हमारे गांव में कोई कमी नहीं रह गई है। समूह की मदद से रोजगार भी मिलने लगा है। ब’चे पहले जहां मारे-मारे फिरते थे अब विद्यालय जा रहे हैं। उनका भविष्य सुधर रहा है।आरओ मशीन का पानी बहुत से शहर वालों को नसीब नहीं है, लेकिन महाराज जी ने हमारे गांव में इसके लिए मशीन लगवा दी है। साफ पानी मिलता है। जंगल के बीच में बसे हमारे गांव में बिजली है, स्कूल है, सड़क है। अब और क्या चाहिए। सिर्फ गोरखपुर ही नहीं, बल्कि महराजगंज में भी मुख्यधारा से कटे रहे वनटांगिया गांवों में अब बदलाव दिख रहा है। इसी तरह कुशीनगर के मुसहर लोगों के जीवन स्तर में अप्रत्याशित सुधार देखने को मिला है। महराजगंज जिले के 18 वन ग्रामों को प्रदेश की योगी सरकार द्वारा राजस्व गांव का दर्जा दिए जाने के बाद यहां सरकारी योजनाओं ने दस्तक दी है। उबड़-खाबड़ सड़कें पक्की हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बने घर, सामुदायिक शौचालय, स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र यहां बदलाव की कहानी कह रहे हैं। पहली बार अपनी ग्राम पंचायतों में मतदान का अधिकार पाकर भी लोग निहाल हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *