Responsive Menu
Add more content here...
March 21, 2025
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

संगम मे अखिलेश के डुबकी की सियासत

By Shakti Prakash Shrivastva on February 4, 2025
0 38 Views

                                                                                 शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव
सियासत के भीष्म पितामह माने जाने वाले समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के पुत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में भी अब सियासी परिपक्वता बखूबी दिखने लगी है। ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव अब परिपक्व सियासत के उस पायदान पर पहुँच गए है। जहां से क्रियाकलापों और उससे उपजे सियासी संदेशों के माध्यम से अपने एजेंडे को धार दिया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर महाकुंभ में प्रयागराज पहुँचकर गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम मे अखिलेश ने डुबकी लगाकर न केवल अपनी धार्मिक आस्था पर मुहर लगाई बल्कि कई सियासी संदेश देने में भी सफल रहे। इनके स्नान से उनके सहयोगी दल भी दबाव में आ गए हैं।
पिछले साल केंद्र मे सत्तासीन बीजेपी ने अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम के विग्रह स्थापना कार्यक्रम को अति भव्य स्वरूप दिया था। इसमें देश-विदेश के अतिविशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया गया था। इस क्रम में प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल के मुखिया होने के नाते सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन अखिलेश ने अयोध्या कार्यक्रम में शिरकत नहीं की थी। सियासी गलियारों मंत सियासी तौर पर इसे अखिलेश का सही निर्णय नहीं माना गया। यहीं नहीं प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना द्वारा जब सभी विधायकों को राम मंदिर के दर्शन कराने के लिए अयोध्या ले जाया गया तब भी सपा विधायकों ने दूरी बनाए रखी। इस मुद्दे पर बीजेपी ने जमकर सपा को घेरा भी। यहाँ तक की पार्टी के बागी विधायकों ने भी बाद में अखिलेश के इस निर्णय को ही बागी होने की मूल वजह बताई।
लेकिन अब अखिलेश की सियासी परिपक्वता की कमी दूर होते दिख रही है। क्योंकि महाकुंभ पहुँचने वाले अखिलेश यादव विपक्ष के पहले नेता हो गए हैं। अखिलेश के सियासी कद वाला अभी कोई विपक्षी नेता अभी तक प्रयागराज नहीं पहुंचा है। संगम में डुबकी लगा अखिलेश ने जहां बीजेपी के हमलों का जवाब दिया है वहीं विपक्षी गठबंधन आइएनडीआईए गठबंधन के दलों को भी संदेश देने में कामयाब हुए है। इससे उनके सहयोगी दलों पर खासा दबाव आ गया है। सियासी गलियारे में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के संगम मे डुबकी से बीजेपी के साथ-साथ विपक्षीं दलों को भी सॉफ्ट हिन्दुत्व और बहुसंख्यक भावनाओं का ख्याल रखने का मैसेज देने की कोशिश की है। अखिलेश यादव के संगम में डुबकी लगाने के बाद अब आइएनडीआईए गठबंधन के अन्य विपक्षी दलों पर भी दबाव बढ़ गया है कि वो भी महाकुंभ में स्नान करने आएं। यहाँ अब यह महत्वपूर्ण हो गया है कि नेता या उसका सियासी दल अपने एजेंडे को ध्यान में रखते हुए इस पर क्या फैसला लेते हैं। इस बाबत मुख्यतः कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर ज्यादा क़यास लगाया जा रहा हैं। सियासी गलियारे में इस बात की भी चर्चा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी फरवरी महीने के पहले हफ्ते में प्रयागराज पहुँच सकते हैं। हालांकि अभी तक इस पर कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है और न ही किसी कांग्रेस के नेता ने इस पर खुलकर कोई बात कही है।
इस तरह संगम मे डुबकी लगाकर अखिलेश यादव ने विपक्ष के दिग्गज नेताओं को दबाव में तो ला ही दिया है। देखना है कि इस दबाव से उबरने के लिए संबंधित नेता क्या कदम उठाते हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *